Chhattisgarh Liquor Scam: भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य पर ED का शिकंजा, छत्तीसगढ़ में 14 से 15 जगहों पर रेड

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Chhattisgarh Liquor Scam: छत्तीसगढ़ में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े एक बड़े मामले में पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल के आवास पर छापेमारी की है। यह कार्रवाई छत्तीसगढ़ में हुए कथित शराब घोटाले के सिलसिले में की जा रही है, जिसमें राज्यभर में 14 से 15 स्थानों पर ED की टीम छापेमारी कर रही है।

कहां-कहां चल रही है छापेमारी?

सूत्रों के मुताबिक, छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले में शराब घोटाले से संबंधित 14 स्थानों पर तलाशी अभियान जारी है। इस तलाशी का सीधा संबंध पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और उनके बेटे चैतन्य बघेल से है। ED की टीम चैतन्य बघेल के करीबी सहयोगियों जैसे- लक्ष्मी नारायण बंसल उर्फ पप्पू बंसल के ठिकानों पर भी छापेमारी कर रही है।

क्या है पूरा मामला?

प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने शराब घोटाले की जांच के दौरान पाया कि चैतन्य बघेल उन लोगों में शामिल हैं, जिन्होंने इस घोटाले से निकली अवैध राशि का लाभ उठाया। जांच एजेंसी के अनुसार, इस घोटाले में कुल 2161 करोड़ रुपये की हेराफेरी की गई है। यह पैसा विभिन्न सरकारी योजनाओं और प्रक्रियाओं के जरिए अवैध रूप से निकाला गया।

इससे पहले, ED ने छत्तीसगढ़ में हुए शराब घोटाले को लेकर कई बार जांच की थी, लेकिन अब तक इतनी बड़ी कार्रवाई देखने को नहीं मिली थी। अब ED ने सीधे भूपेश बघेल के बेटे के ठिकानों पर छापेमारी की है, जिससे यह मामला और गंभीर हो गया है।

बता दें कि प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने छत्तीसगढ़ शराब घोटाले की जांच के तहत जनवरी में पूर्व मंत्री और कांग्रेस नेता कवासी लखमा को गिरफ्तार किया था। इस मामले में रायपुर के मेयर और कांग्रेस नेता एजाज ढेबर के बड़े भाई अनवर ढेबर, पूर्व आईएएस अधिकारी अनिल टुटेजा, भारतीय टेलीकॉम सेवा (ITS) के अधिकारी अरुणपति त्रिपाठी और कुछ अन्य व्यक्तियों को भी हिरासत में लिया गया था।

ED की जांच के अनुसार, यह कथित शराब घोटाला 2019 से 2022 के बीच हुआ, जब छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल के नेतृत्व में कांग्रेस सरकार थी। जांच एजेंसी ने खुलासा किया है कि इस घोटाले के जरिए अवैध शराब बिक्री, कर चोरी और मनी लॉन्ड्रिंग के जरिए बड़े पैमाने पर आर्थिक अनियमितताएं की गईं।

अब तक की जांच में ED ने ₹205 करोड़ की संपत्तियों को अटैच किया है, जो इस घोटाले में शामिल विभिन्न आरोपियों से जुड़ी हैं। सूत्रों के अनुसार, इस घोटाले की रकम 2,161 करोड़ रुपये तक पहुंच सकती है, जिसमें कई बड़े राजनीतिक और प्रशासनिक अधिकारियों की संलिप्तता का संदेह है। ED की कार्रवाई से छत्तीसगढ़ की राजनीति में हलचल मची हुई है और कांग्रेस इस जांच को राजनीतिक प्रतिशोध करार दे रही है।

शराब घोटाले में क्या है आरोप?

सूत्रों के मुताबिक, छत्तीसगढ़ में सरकार के कार्यकाल के दौरान अवैध शराब व्यापार को बढ़ावा दिया गया। शराब की बिक्री और डिस्ट्रीब्यूशन में भारी अनियमितताएं पाई गईं, जिससे सरकार को बड़े पैमाने पर राजस्व का नुकसान हुआ और काले धन का खेल चला।

ED ने दावा किया कि इस पूरे घोटाले में कई शीर्ष अधिकारियों, नेताओं और व्यापारियों की मिलीभगत थी, जिन्होंने सरकारी राजस्व को हेरफेर कर पैसे को मनी लॉन्ड्रिंग के जरिए सफेद बनाने की कोशिश की।

ED की अब तक की कार्रवाई

  1. 14 स्थानों पर छापेमारी: दुर्ग जिले समेत कई प्रमुख शहरों में ED की टीम तलाशी ले रही है।
  2. भूपेश बघेल के बेटे पर शिकंजा: चैतन्य बघेल के आवास की गहन तलाशी हो रही है।
  3. करीबी सहयोगियों पर नजर: ED ने उनके सहयोगियों लक्ष्मी नारायण बंसल उर्फ पप्पू बंसल के ठिकानों को भी खंगाला।
  4. 2161 करोड़ का खुलासा: अब तक की जांच में यह घोटाला 2161 करोड़ रुपये का बताया गया है।
  5. सरकारी दस्तावेजों की जांच: मनी लॉन्ड्रिंग में शामिल फर्जी कंपनियों, बैंक खातों और अन्य दस्तावेजों की भी जांच की जा रही है।

भूपेश बघेल का क्या है रुख?

भूपेश बघेल के कार्यालय द्वारा शेयर किए गए एक्स पोस्ट में लिखा गया, “सात वर्षों से चले आ रहे झूठे केस को जब अदालत में बर्खास्त कर दिया गया तो आज ED के मेहमानों ने पूर्व मुख्यमंत्री, कांग्रेस महासचिव भूपेश बघेल के भिलाई निवास में आज सुबह प्रवेश किया है। अगर इस षड्यंत्र से कोई पंजाब में कांग्रेस को रोकने का प्रयास कर रहा है, तो यह गलतफहमी है।”