फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों इन दिनों अमेरिका के आधिकारिक दौरे पर हैं। मंगलवार को उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात की, जहां दोनों नेताओं के बीच द्विपक्षीय वार्ता हुई। इस बातचीत में रूस-यूक्रेन युद्ध समेत कई अहम वैश्विक मुद्दों पर चर्चा की गई। बैठक के बाद दोनों नेताओं ने संयुक्त बयान जारी किया।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस दौरान कहा कि यूक्रेन में युद्ध विराम समझौता रूस के हित में है, और उन्हें लगता है कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन इसके लिए तैयार हो सकते हैं। वहीं, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने इस बातचीत के दौरान शांति समझौते में सुरक्षा गारंटी की अहमियत पर जोर दिया।
दोनों नेताओं की यह मुलाकात व्हाइट हाउस में ऐसे समय पर हुई जब यूक्रेन पर रूस के आक्रमण की तीसरी वर्षगांठ पूरी हो चुकी है। इससे पहले, संयुक्त राष्ट्र महासभा में रूस की निंदा करने वाले प्रस्ताव पर अमेरिका ने अपने यूरोपीय सहयोगियों से अलग रुख अपनाया था।
क्या पुतिन पर भरोसा कर सकते हैं ट्रंप?
जब राष्ट्रपति ट्रंप से पूछा गया कि क्या उन्हें पुतिन पर भरोसा है, तो उन्होंने जवाब दिया, “रूस के लिए यह फायदेमंद होगा कि वह शांति समझौते की ओर बढ़े, और मुझे लगता है कि हम ऐसा कर सकते हैं। हालांकि, दोनों पक्षों में भारी अविश्वास है।”
ट्रंप ने यह भी बताया कि अपने दूसरे कार्यकाल की शुरुआत में उन्होंने राष्ट्रपति पुतिन को सबसे पहले फोन किया था, क्योंकि उनका मानना था कि पुतिन समझौता करने के लिए तैयार हो सकते हैं। उन्होंने आगे कहा, “रूस का नेतृत्व सकारात्मक दिशा में जारी रहना चाहिए, और इसके लिए एक शांति समझौता बेहद जरूरी है।”
यूक्रेन के साथ समझौते पर सहमति?
राष्ट्रपति ट्रंप ने संकेत दिया कि वे यूक्रेन के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर करने के इच्छुक हैं, जिसमें अमेरिका को यूक्रेन से दुर्लभ खनिजों पर अधिकार मिलेगा। इसके बदले में, यूक्रेन को अपनी सुरक्षा के लिए अरबों डॉलर की आर्थिक और सैन्य सहायता दी जाएगी।
फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने वाशिंगटन आने से पहले यूरोपीय सहयोगियों के साथ कई दौर की बैठकें की थीं। उन्होंने ट्रंप से मुलाकात के दौरान कहा, “शांति लाना बहुत महत्वपूर्ण है और हमें इस दिशा में प्रयास करने होंगे।”
शांति समझौते में सुरक्षा गारंटी अहम
मैक्रों ने शांति समझौते में सुरक्षा गारंटी की अहमियत को दोहराया। उन्होंने कहा कि किसी भी समझौते को जांचा और सत्यापित किया जाना चाहिए, ताकि इसे विश्वसनीय बनाया जा सके।
उन्होंने आगे कहा, “हमें ऐसी व्यवस्था बनानी होगी जिसे जांचा और सत्यापित किया जा सके। यह सुनिश्चित करना जरूरी है कि हम अल्पावधि में पर्याप्त सुरक्षा गारंटी प्रदान कर सकें।”
फ्रांस के राष्ट्रपति ने यह भी बताया कि कई यूरोपीय देश इस प्रक्रिया में शामिल होने के लिए तैयार हैं, लेकिन इसमें अमेरिका के समर्थन की जरूरत होगी। उन्होंने कहा, “यह सिर्फ यूरोप की जिम्मेदारी नहीं है, बल्कि अमेरिका का सहयोग भी आवश्यक है, क्योंकि यह सुरक्षा गारंटी की विश्वसनीयता को मजबूत करेगा और हमारी सामूहिक रक्षा क्षमता का हिस्सा बनेगा।”
अमेरिका-फ्रांस की साझेदारी और आगे की राह
इस मुलाकात में अमेरिका और फ्रांस की रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करने पर भी चर्चा हुई। रूस-यूक्रेन युद्ध पर दोनों देशों के बीच कुछ मतभेद हो सकते हैं, लेकिन शांति स्थापित करने की दिशा में मिलकर काम करने की सहमति बनी। अब यह देखना होगा कि क्या रूस और यूक्रेन के बीच कोई ठोस समझौता होता है या नहीं।