भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मौद्रिक नीति समिति (Monetary Policy Committee – MPC) ने रेपो रेट में 25 बेसिस पॉइंट (bps) की कटौती की है। यह फैसला पांच साल बाद लिया गया है, जिसके बाद रेपो रेट घटकर 6.25% हो गया। इस फैसले से आम जनता और व्यापार जगत को राहत मिलने की उम्मीद है। इससे पहले, RBI ने लगातार 11 बैठकों में ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया था। पिछली बार मई 2020 में कोविड-19 महामारी के दौरान रेपो रेट में कटौती की गई थी।
RBI की बैठक और ब्याज दरों में बदलाव
आरबीआई के नए गवर्नर संजय मल्होत्रा (Sanjay Malhotra) की अध्यक्षता में हुई इस मौद्रिक नीति बैठक में यह अहम फैसला लिया गया। ब्याज दरों में कटौती के चलते होम लोन, कार लोन और बिजनेस लोन सस्ते होने की संभावना है।
रेपो रेट वह दर होती है जिस पर बैंक RBI से कर्ज लेते हैं। अगर यह दर घटती है, तो बैंक भी ग्राहकों को सस्ते लोन दे सकते हैं, जिससे EMI कम होने की उम्मीद बढ़ जाती है। हालांकि, अंतिम निर्णय बैंकों पर निर्भर करता है कि वे ग्राहकों तक यह लाभ कब और कितना पहुंचाते हैं।
ब्याज दरों में कटौती क्यों की गई?
RBI ने यह फैसला महंगाई दर में गिरावट को ध्यान में रखते हुए लिया है। अगले वर्ष महंगाई दर और कम होने की संभावना है। ग्रामीण मांग (Rural Demand) में सुधार हो रहा है, जिससे अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी। शहरी मांग (Urban Demand) हालांकि अभी धीमी बनी हुई है, लेकिन इसमें सुधार की उम्मीद जताई गई है।
इस फैसले से होने वाले फायदे
- होम लोन और कार लोन सस्ते: ब्याज दरें घटने से बैंकों की दरें कम हो सकती हैं, जिससे EMI में राहत मिलेगी।
- बिजनेस लोन पर प्रभाव: कंपनियों को सस्ते दरों पर लोन मिलेगा, जिससे व्यापार को बढ़ावा मिलेगा।
- अर्थव्यवस्था को गति: कम ब्याज दरों से उपभोक्ता खर्च बढ़ेगा, जिससे बाजार और उद्योगों को फायदा होगा।
FY26 के लिए आर्थिक विकास दर का अनुमान बढ़ा
RBI गवर्नर संजय मल्होत्रा ने कहा कि मुद्रास्फीति (Inflation) में गिरावट जारी है और आगे भी इसमें कमी की संभावना है। इसी के तहत RBI ने वित्त वर्ष 2025-26 के लिए भारत की आर्थिक विकास दर का अनुमान 6.6% से बढ़ाकर 6.7% कर दिया है।
वित्त वर्ष 2025-26 में GDP वृद्धि दर की तिमाही अनुमान इस प्रकार है:
- पहली तिमाही: 6.7%
- दूसरी तिमाही: 7%
- तीसरी तिमाही: 6.5%
- चौथी तिमाही: 6.5%
महंगाई दर का अनुमान
RBI ने वित्त वर्ष 2025-26 के लिए महंगाई दर 4.2% रहने का अनुमान लगाया है। इसे चार तिमाहियों में बांटा गया है:
- अप्रैल-जून: 4.5%
- जुलाई-सितंबर: 4%
- अक्टूबर-दिसंबर: 3.8%
- RBI ने स्पष्ट किया कि वह “तटस्थ नीति” (Neutral Stance) अपनाएगा, जिससे जरूरत के अनुसार आगे भी नीतिगत बदलाव किए जा सकते हैं।
साइबर फ्रॉड को लेकर RBI की सख्ती
- RBI गवर्नर संजय मल्होत्रा ने डिजिटल फाइनेंशियल सर्विसेज में बढ़ते साइबर रिस्क को लेकर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि साइबर धोखाधड़ी को रोकने के लिए सभी स्टेकहोल्डर्स को तुरंत एक्शन लेने की जरूरत है।
- बैंकों को साइबर फ्रॉड से निपटने के लिए बेहतर सुरक्षा प्रणाली विकसित करनी होगी।
- मार्केट ट्रेडिंग और सेटलमेंट टाइमिंग की समीक्षा के लिए एक वर्किंग ग्रुप बनाया जाएगा।
- भारतीय बैंकों के लिए एक विशेष bank.in डोमेन लॉन्च किया जाएगा, जिसका रजिस्ट्रेशन अप्रैल से शुरू होगा। इससे ऑनलाइन धोखाधड़ी को नियंत्रित करने में मदद मिलेगी।
- RBI के इस फैसले से लोन लेने वालों को राहत मिलने की उम्मीद है, जबकि डिजिटल सुरक्षा को और मजबूत करने के प्रयास जारी रहेंगे।