Mahakumbh 2025: प्रयागराज को आस्था और धर्म का केंद्र माना जाता है। वर्षों से श्रद्धालु अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए संगम में स्नान करने आते हैं। खासतौर पर महाकुंभ के दौरान संगम में स्नान करने का विशेष महत्व बताया गया है। मान्यता है कि इस दौरान आस्था की डुबकी लगाने से समस्त पाप नष्ट हो जाते हैं और मोक्ष की प्राप्ति होती है। महाकुंभ में स्नान करने के बाद श्रद्धालु आमतौर पर 1-2 दिन प्रयागराज में रुकते हैं और आसपास के धार्मिक स्थलों के दर्शन करते हैं। यदि आप भी प्रयागराज में ठहर रहे हैं तो इन प्राचीन और पवित्र मंदिरों के दर्शन कर सकते हैं।
- सोमेश्वर नाथ मंदिर
प्रयागराज के सबसे प्राचीन और प्रसिद्ध मंदिरों में से एक सोमेश्वर नाथ मंदिर है। यह पवित्र शिव मंदिर अरैल गांव (यमुना तट) पर स्थित है। मान्यता है कि इस मंदिर की स्थापना चंद्रदेव ने स्वयं की थी। पौराणिक कथा के अनुसार, माता सती के पिता दक्ष प्रजापति ने चंद्रमा को श्राप दिया था, जिससे उनका तेज खत्म हो गया था। इसके बाद चंद्रमा भगवान शिव की शरण में पहुंचे और उनकी पूजा-अर्चना करने लगे। शिवजी की कृपा से उनका तेज पुनः लौट आया और उन्होंने इस स्थान पर सोमेश्वर नाथ मंदिर की स्थापना की।
- श्री बड़े हनुमान मंदिर
प्रयागराज का एक और महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल श्री बड़े हनुमान मंदिर है। यह मंदिर संगम क्षेत्र में स्थित है और यहां हनुमान जी की विशाल 20 फीट लंबी लेटी हुई मूर्ति स्थापित है। यह मूर्ति अद्भुत और दुर्लभ है, क्योंकि अधिकांश मंदिरों में हनुमान जी की खड़ी मूर्ति देखने को मिलती है। इसे बांध वाला मंदिर भी कहा जाता है।
- नाग वासुकी मंदिर
प्रयागराज के दारागंज में स्थित नाग वासुकी मंदिर नाग देवता को समर्पित है। मान्यता के अनुसार, समुद्र मंथन के दौरान नागराज वासुकी मंदराचल पर्वत को घुमाने से घायल हो गए थे। तब भगवान विष्णु ने उन्हें प्रयागराज जाने की सलाह दी थी। इसी स्थान पर नाग वासुकी ने विश्राम किया था। ऐसी मान्यता भी है कि जब गंगा नदी पृथ्वी पर अवतरित हुईं, तो उनकी जलधारा सीधे पाताल लोक चली गई और उसका प्रवाह नाग वासुकी के फन पर गिरा। यही कारण है कि इस मंदिर को भोगवती तीर्थ भी कहा जाता है।
- शंकर मंडपम
प्रयागराज में भगवान शिव का एक और प्रसिद्ध मंदिर शंकर विमान मंडपम है। यह मंदिर त्रिवेणी संगम के समीप स्थित है। इसे शंकराचार्य की स्मृति में बनवाया गया था और इसकी ऊंचाई लगभग 130 फीट है। यह मंदिर अपने भव्य वास्तुशिल्प के लिए प्रसिद्ध है।
- वेणी माधव मंदिर
प्रयागराज के दारागंज में स्थित वेणी माधव मंदिर भगवान विष्णु को समर्पित है। मान्यता है कि प्रयागराज की रक्षा के लिए ब्रह्माजी ने यहां भगवान विष्णु के बारह स्वरूपों की स्थापना की थी, जिनमें से वेणी माधव स्वरूप प्रमुख है। इस मंदिर में भगवान विष्णु के साथ मां लक्ष्मी भी विराजमान हैं। महाकुंभ के स्नान के बाद इस मंदिर के दर्शन करना अत्यंत शुभ माना जाता है।
महाकुंभ 2025 में संगम में पवित्र स्नान के बाद यदि आप प्रयागराज में कुछ समय बिता रहे हैं, तो इन ऐतिहासिक और धार्मिक मंदिरों के दर्शन अवश्य करें। यह न केवल आध्यात्मिक शांति प्रदान करेगा बल्कि प्रयागराज के धार्मिक महत्व को और अधिक गहराई से समझने का अवसर भी देगा।
(Disclaimer: यह जानकारी धार्मिक मान्यताओं और सामान्य जानकारियों पर आधारित है। APN NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है।)