UP Madarsa Act: यूपी मदरसा एक्ट को सुप्रीम कोर्ट से मान्यता, इलाहाबाद हाई कोर्ट का फैसला पलटा, SC ने कहा- मदरसे मजहबी शिक्षा के साथ…

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UP Madarsa Act SC Verdict: यूपी मदरसा एक्ट पर आज यानी मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया। सुप्रीम कोर्ट ने यूपी मदरसा एक्ट की संवैधानिकता को बरकरार रखते हुए मान्यता दी। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाई कोर्ट के उस फैसले को पलटा जिसमें कहा गया था कि यह एक्ट असंवैधानिक है और धर्मनिरपेक्षता के सिद्धांत के खिलाफ है।

करीब 7-8 महीने पहले इलाहाबाद हाई कोर्ट ने फैसला सुनाया था कि यूपी मदरसा बोर्ड एक्ट को संविधान के मौलिक ढांचे के खिलाफ है। हाई कोर्ट ने प्रदेश सरकार को सभी छात्रों का दाखिला सामान्य स्कूलों में करवाने का आदेश दिया था। जिसके बाद मदरसा बोर्ड ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। लेकिन मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस (सीजेआई) डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली तीन जजों की बेंच ने कहा कि हाई कोर्ट का फैसला सही नहीं था।

‘मदरसे मजहबी शिक्षा भी देते हैं, लेकिन उनका मुख्य उद्देश्य शिक्षा ही है’: सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट में सीजेआई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की बेंच ने सुनवाई के दौरान कहा, प्रदेश सरकार शिक्षा को नियमित करने के लिए कानून बना सकती है। इसमें सिलेबस, छात्रों का स्वास्थ्य जैसे कई पहलू शामिल हैं। बेंच ने आगे कहा, “मदरसे मजहबी शिक्षा भी देते हैं, लेकिन उनका मुख्य उद्देश्य शिक्षा ही है।” इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने कहा, “किसी भी छात्र को धार्मिक शिक्षा के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता है।”

मदरसों से छिन गया डिग्री देने का अधिकार !

इसके अलावा, सुप्रीम कोर्ट ने आगे कहा कि यूपी मदरसा एक्ट में मदरसा बोर्ड को फाजिल, कामिल जैसी डिग्री देने का अधिकार दिया गया है। लेकिन यह यूजीसी एक्ट के खिलाफ है। जो कि असंवैधानिक है, इसको एक्ट से हटा देना चाहिए, इसके अलावा पूरा एक्ट संवैधानिक है।

सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा,”मदरसा बोर्ड प्रदेश सरकार की सहमति के साथ ऐसी व्यवस्था बना सकता है, जहां मदरसा के धार्मिक चरित्र को प्रभावित किए बिना सेक्युलर शिक्षा दे सके।” बता दें कि 5 अप्रैल, 2024 को सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में सुनवाई के बाद इलाहबाद हाई कोर्ट के आदेश पर अंतरिम रोक लगा दी थी। वहीं पिछले महीने 22 अक्टूबर को शीर्ष अदालत ने मामले पर फैसला सुरक्षित रख लिया था।

मदरसा एक्ट पर इलाहबद हाई कोर्ट ने क्या फैसला सुनाया था?

इसी साल मार्च के महीने में (22 मार्च, 2024) इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यूपी मदरसा एक्ट को असंवैधानिक करार दिया था और इसे धर्मनिरपेक्षता के सिद्धांत के खिलाफ बताया था। तब,जस्टिस विवेक चौधरी और जस्टिस सुभाष विद्यार्थी की खंडपीठ ने यूपी सरकार को एक ऐसी योजना बनाने का निर्देश दिया था, जिसमें मदरसों में पढ़ाई करने वाले छात्र औपचारिक शिक्षा प्रणाली में समायोजित हो सकें।