ISRO ने ने रचा इतिहास, EOS-8 सैटेलाइट की लॉन्चिंग सफल; देगी आपदा का अलर्ट, जानें खासियत

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ISRO ने ने रचा इतिहास
ISRO ने ने रचा इतिहास

इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन (ISRO) ने आज यानी शुक्रवार को एक बार फिर अंतरिक्ष के क्षेत्र में ऐतिहासिक छलांग लगाई। आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा से ISRO ने अर्थ ऑब्जर्वेशन सैटेलाइट SSLV-D3 को सफलतापूर्वक लॉन्च कर दिया गया है। SSLV-D3-EOS-08 मिशन से पहले ISRO ने फरवरी 2023 में लघु उपग्रह प्रक्षेपण यान (SSLV-D2-EOS-07 ) का दूसरी बार प्रक्षेपण किया था जो सफल रहा था। SSLV की तीसरी और आखिरी फ्लाइट है। सुबह 9.17 बजे SSLV-D3-EOS-08 मिशन को लॉन्च किया गया। इससे पहले ISRO ने बीते 15 अगस्त को इसकी लॉन्चिंग की तारीख तय की थी।

इस मिशन से SSLV विकास परियोजना पूरी हो जाएगी। इस अंतरिक्ष यान की मिशन आयु एक वर्ष है। इसका द्रव्यमान करीब 175.5 किलोग्राम है और यह करीब 420 वाट ऊर्जा पैदा करता है। EOS-08 अपने साथ तीन पेलोड ले गया है। इनमें इलेक्ट्रो आप्टिकल इन्फ्रारेड पेलोड (EOIR), ग्लोबल नेविगेशन सेटेलाइट सिस्टम-रिफ्लेक्टोमेट्री पेलोड (GNSS-R) और सीआइसी यूवी डोसीमीटर भी शामिल हैं। EOS-08 पेलोड को उपग्रह आधारित निगरानी, आपदा निगरानी, पर्यावरण निगरानी के लिए तस्वीरें खींचने के लिए खास तौर से डिजाइन किया गया है।

SSLV-D3 रॉकेट धरती की निचली कक्षा में 500 किलोग्राम तक के सैटेलाइट्स को 500 किलोमीटर से नीचे या फिर 300 किलोग्राम के सैटेलाइट्स को सन सिंक्रोनस ऑर्बिट में भेज सकता हैं। इस ऑर्बिट की ऊंचाई 500 किलोमीटर के ऊपर होती है। इस लॉन्चिंग में यह 475 किलोमीटर की ऊंचाई तक जाएगा और वहां जाकर यह सैटेलाइट को छोड़ देगा।

EOS-8 सैटेलाइट

यह एक अर्थ ऑब्जरवेशन सैटेलाइट है, जिसकी मदद से धरती की सतह की निगरानी और अहम डाटा इकट्ठा कर सकते है। यह कृषि, वन्य जीवन की निगरानी, जल संसाधन प्रबंधन, और आपदा प्रबंधन जैसी महत्वपूर्ण गतिविधियों में अहम मदद करेगा।

SR-0 DEMOSAT

यह एक छोटा सैटेलाइट है जिसे पैसेंजर सैटेलाइट के रूप में भेजा जा रहा है। इसका मकसद नए तकनीकी परीक्षणों के लिए एक मंच देना है।