Manish Sisodia Bail: ‘भगवान के घर देर है, अंधेर नहीं…’ BJP पर जमकर बरसे मनीष सिसोदिया

0
9
Manish Sisodia Bail
Manish Sisodia Bail

Manish Sisodia Bail: दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया को शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट से बहुत बड़ी राहत मिल गई। शुक्रवार शाम को वह जेल से बाहर आ गए यानी कि उनको जमानत मिल गई। जेल से बाहर आने के बाद मनीष सिसोदिया बिल्कुल उसी अंदाज और जोश में दिखे जिस तरह के जोश में वो पहले नजर आते थे। मनीष सिसोदिया ने पूरे जोश में अपनी पार्टी दफ्तर पर कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि हमारे खिलाफ साजिश की गई। संविधान की ताकत से मैं आज यहां खड़ा हूं।

सुप्रीम कोर्ट ने तानाशाही को कुचला

दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री और AAP नेता मनीष सिसोदिया ने कहा, “बाबा साहेब अंबेडकर के दिए हुए संविधान की बदौलत हम पर कल भगवान की कृपा हुई। बाबा साहेब ने 75 साल पहले ही ये अंदाजा लगा लिया था कि कभी-कभी इस देश में ऐसा होगा कि तानाशाही बढ़ जाएगी। तानाशाह सरकार जब एजेंसियों, कानूनों और जेलों का दुरुपयोग करेगी तो हमें कौन बचाएगा? और तब बाबा साहेब ने लिखा था संविधान बचाएगा। सुप्रीम कोर्ट ने संविधान का इस्तेमाल करते हुए कल तानाशाही को कुचला। मैं उन वकीलों का भी शुक्रगुजार हूं जो यह लड़ाई लड़ रहे थे। वो वकील एक कोर्ट से दूसरे कोर्ट धक्के खा रहे हैं। मेरे लिए अभिषेक मनु सिंघवी भगवान स्वरूप हैं। “

बीजेपी पर जमकर निशाना साधा

बीजेपी पर तंज कसते हुए सिसोदिया ने कहा, ‘इन आंसुओं ने ही मुझे ताकत दी है। मुझे उम्मीद थी कि 7-8 महीने में न्याय मिल जाएगा लेकिन कोई बात नहीं 17 महीने लग गए। 17 महीने लग गए लेकिन जीत ईमानदारी और सच्चाई की हुई है। भगवान के घर में देर है अंधेर नहीं है। उन्होंने(भाजपा) बहुत कोशिशें की। उन्होंने सोचा अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसोदिया और संजय सिंह को जेल में डालेंगे तो हम सड़ जाएंगे। अरविंद केजरीवाल का नाम आज पूरे देश में ईमानदारी का प्रतीक बन गया है। भाजपा दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी होने के बावजूद एक राज्य में एक उदाहरण नहीं दे पाई। इसी छवि को बिगाड़ने के लिए ये सारे षडयंत्र रचे जा रहे हैं। जनता के दिलों के दरवाजे खुले हुए हैं। आप जेल के दरवाजे बंद कर सकते हैं लेकिन जनता के दिलों के दरवाजे बंद नहीं कर सकते हैं।’

आगे पूर्व उपमुख्यमंत्री ने कहा कि अब दुश्मन भी इस बात को मानने लगे हैं कि आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता किस मिट्टी के बने हैं, जो जेल से बाहर आकर भी इस तरह नजर आ रहे हैं। हम उस मिट्टी के बने हैं, जिस मिट्टी में भगत सिंह के पसीने की बूंदे गिरीं और जिस मिट्टी में महात्मा गांधी जी को गोली लगी थी, ये लड़ाई सिर्फ आम आदमी पार्टी या विपक्ष के कार्यकर्ताओं की ही नहीं, बल्कि देश के एक-एक नागरिक की है।