इस समय इजराइल और हमास के बीच जंग जारी है। दोनों ओर से कई लोग मारे जा चुके हैं। लेकिन क्या आपको पता है कि इस विवाद के केंद्र में एक मस्जिद है। आइए आपको बताते हैं कि यह पूरा मामला क्या है? अल-अक्सा 35 एकड़ के परिसर में स्थित मस्जिद का नाम है। जिसे मुसलमानों द्वारा अल-हरम अल-शरीफ और यहूदियों द्वारा टेम्पल माउंट के रूप में जाना जाता है। यह परिसर यरूशलेम के पुराने शहर (पूर्वी यरूशलेम) में स्थित है, जिसे यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर स्थल नामित किया गया है। यह स्थान तीन अब्राहमिक धर्मों के लिए महत्वपूर्ण है। यानी न सिर्फ मुसलमान और यहूदी बल्कि ईसाइयों की भी यहां गहरी आस्था है।
मुसलमानों के लिए अल-अक्सा मस्जिद इसलिए पवित्र है क्योंकि उनकी मान्यता है कि यहीं से पैगंबर मुहम्मद जन्नत गए थे। वहीं यहूदियों का मानना है कि यह परिसर वहीं है जहां एक समय में यहूदी मंदिर हुआ करता था। परिसर की पश्चिमी दीवार, जहां यहूदी विलाप करते हैं, मान्यताओं के मुताबिक दूसरे मंदिर का अंतिम अवशेष है। जबकि मुसलमान इसे अल-बुराक दीवार के रूप में बताते हैं और मानते हैं कि यह वह जगह है जहां पैगंबर मुहम्मद ने घोड़े अल-बुराक को बांधा था। जिसपर चढ़कर मुहम्मद जन्नत गए थे।
1947 में, संयुक्त राष्ट्र ने फिलिस्तीन को दो राज्यों में विभाजित करने के लिए एक विभाजन योजना तैयार की थी। एक यहूदियों के लिए इजराइल और एक फिलिस्तीनियों के लिए फिलिस्तीन। यहूदी राज्य को 55 प्रतिशत भूमि दी गई थी और शेष 45 प्रतिशत फ़िलिस्तीनी राज्य के लिए थी। यरूशलेम, जिसमें अल-अक्सा परिसर है, संयुक्त राष्ट्र के प्रशासन के तहत अंतरराष्ट्रीय समुदाय का था। तीन इब्राहीम धर्मों के लिए इसके महत्व के कारण इसे यह विशेष दर्जा दिया गया था। 1948 में अरब-इजरायल युद्ध छिड़ गया, जिसमें फिलिस्तीन के हिस्से की लगभग 60 प्रतिशत भूमि पर इजराइल का कब्जा हो गया था। वेस्ट बैंक जॉर्डन के और गाजा मिस्र के नियंत्रण में आ गए थे।
1967 में दूसरे अरब-इजरायल युद्ध के बाद पूर्वी यरूशलेम सहित वेस्ट बैंक पर इजरायल का कब्जा हो गया था। इसके अलावा गोलन पहाड़ियां, गाजा और सिनाय प्रायद्वीप भी इजराइल के नियंत्रण में आ गए थे। 1990 के बाद हुए शांति समझौते के तहत अल अक्सा मस्जिद वाला पूर्वी यरूशलेम पूरी तरह से इजराइल के नियंत्रण में है। वहीं वेस्ट बैंक और गाजा को फिलिस्तीन को लौटा दिया गया था।
वेस्ट बैंक और गाजा पर फिलिस्तीनी संगठन फतह का शासन रहा है। जो कि इजराइल के अस्तित्व को स्वीकारता है और बातचीत में विश्वास करता है। हालांकि 2006 में फिलिस्तीनी चुनाव में एक अन्य संगठन हमास को जीत मिली। तब से गाजा पट्टी पर हमास तो वेस्ट बैंक में फतह का शासन है। हमास इस्लामिक विचारधारा वाला संगठन है और इजराइल के अस्तित्व को खारिज करता है। वह एक ऐसा फिलिस्तीन चाहता है जिसमें इजराइली क्षेत्र,गाजा और वेस्ट बैंक शामिल हों। हालिया घटनाक्रम में हमास ने इजराइल में घुसकर हमला बोल दिया था। इसके बाद इजराइल ने जंग का एलान कर दिया।