उत्तर प्रदेश के मथुरा स्थित श्री बांके बिहारी मंदिर में जल्द ही कई अहम परिवर्तन देखने को मिलेंगे। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर गठित उच्चाधिकार प्राप्त प्रबंधन समिति ने मंदिर में दर्शन और सुरक्षा व्यवस्था को लेकर कई बड़े फैसले लिए हैं। इनमें सबसे बड़ा निर्णय उन कमरों को खोलने का है जो पिछले पचास साल से भी ज्यादा समय से बंद पड़े हैं।
शुक्रवार को जारी जिला सूचना अधिकारी की विज्ञप्ति के अनुसार, अब मंदिर में वीआईपी पास से दर्शन की सुविधा पूरी तरह खत्म कर दी गई है। इसके साथ ही वीआईपी कटघरा भी हटा दिया जाएगा। समिति का मानना है कि इससे भेदभाव की शिकायतें समाप्त होंगी और श्रद्धालुओं को लाइन में लगकर सामान्य तरीके से दर्शन का अवसर मिलेगा। इस व्यवस्था से धक्का-मुक्की की समस्या भी काफी हद तक कम होगी।
सुरक्षा का जिम्मा पूर्व सैनिकों को
समिति ने सुरक्षा प्रबंधन को और मजबूत करने पर भी जोर दिया है। अब मंदिर की सुरक्षा की जिम्मेदारी पुलिस या साधारण गार्डों के बजाय पूर्व सैनिकों अथवा प्रोफेशनल सुरक्षा एजेंसियों को सौंपी जाएगी। वहीं, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अगले तीन दिनों के भीतर यह तय करेंगे कि किस द्वार से प्रवेश होगा और किस द्वार से निकासी की जाएगी।
दर्शन का समय बढ़ा, ऑनलाइन सुविधा भी जल्द
नई व्यवस्था के तहत दर्शन का समय भी बढ़ा दिया जाएगा। गर्मियों में मंदिर तीन घंटे अतिरिक्त खुलेगा, जबकि सर्दियों में पौने तीन घंटे ज्यादा तक भक्तों के लिए दर्शन की सुविधा रहेगी। इसके साथ ही देश-विदेश के श्रद्धालुओं के लिए लाइव प्रसारण की व्यवस्था भी शुरू की जाएगी, जिससे कोई भी अपने स्थान से ठाकुर जी के दर्शन कर सके।
संरचनात्मक ऑडिट और खजाने की जांच
समिति ने मंदिर की इमारत का आईआईटी रुड़की से संरचनात्मक ऑडिट कराने का निर्णय भी लिया है। इसके अलावा, मंदिर की कुल संपत्ति का ब्योरा तैयार किया जाएगा। वर्ष 2013 से 2016 के बीच हुई अनियमितताओं की विशेष ऑडिट कराई जाएगी और 15 दिनों के भीतर रिपोर्ट समिति के सामने प्रस्तुत करनी होगी।
सबसे महत्वपूर्ण फैसलों में एक यह भी है कि मंदिर के गर्भगृह में मौजूद वर्षों से बंद कमरे को खोला जाएगा। इस प्रक्रिया की पूरी वीडियोग्राफी होगी ताकि कमरे में मौजूद सभी चीजों का रिकॉर्ड सुरक्षित रहे। इसके साथ मंदिर के खजाने का भी ऑडिट किया जाएगा।