पाकिस्तानी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन को अमेरिका ने अंतर्राष्ट्रीय आतंकी संगठन घोषित कर उसे प्रतिबंधित सूची में डाल दिया है। इससे पहले अमेरिका ने इस संगठन के सरगना सैयद सलाहुद्दीन को भी वैश्विक आतंकवादी घोषित किया था।

अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता ने बताया कि इसके बाद अमेरिका के अधिकार क्षेत्र में आने वाली हिजबुल की सभी संपत्तियों और संपत्ति से जुड़े उसके हितों पर रोक लग जाएगी और अमेरिका का कोई भी व्यक्ति इस समूह के साथ किसी तरह का लेनदेन नहीं कर सकेगा। इससे यह संगठन अलग-थलग पड़ जाएगा और अमेरिकी वित्तीय व्यवस्था तक उनकी पहुंच खत्म हो जाएगी। इसके साथ ही इस कदम से अमेरिका और दूसरी सरकारों की कानून प्रवर्तन एजेंसियों को भी मदद मिलती है।

आतंकवाद के खिलाफ भारत के अभियान के लिए भी यह एक बड़ी सफलता है। अमेरिका के इस कदम का भारत ने स्वागत करते हुए कहा कि इससे आतंकवाद के खिलाफ हमारी वैश्विक लड़ाई और मजबूत होगी और आतंकियों को पनाह देने वाले देशों के हौसले पस्त होंगे।

कश्मीर में आतंक का कारोबार करने वाला सैयद सलाहुद्दीन पिछले 26 साल से कश्मीर घाटी में सक्रिय है और पाकिस्तान में रहकर कश्मीर में आतंक की वारदातों को अंजाम देता है। इसका पूरा परिवार कश्मीर में ही रहता है।

बताया जा रहा है कि इस सूची में हिजबुल मुजाहिदीन को शामिल कराने के पीछे मोदी सरकार और सुरक्षा जांच एजेंसियों की कूटनीति है। सूत्रों के अनुसार कल ही पीएम मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प से बात की थी, उसके बाद अमेरिका ने यह घोषणा की।

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