UNO: भारत ने यूक्रेन संकट मामले में रूस को एक बार फिर झटका दिया है। भारत ने पुतिन की गुप्त मतदान वाली मांग को खारिज कर दिया है।यूक्रेन के 4 क्षेत्रों पर अवैध कब्जे को लेकर रूस के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र महासभा में एक मसौदा प्रस्ताव लाया गया। इस प्रस्ताव में रूस की निंदा करने के लिए खुले मतदान की मांग की गई, लेकिन पुतिन इसके लिए गुप्त मतदान की मांग पर अड़े थे। जिसे भारत ने खारिज कर दिया है और खिलाफ जाकर वोटिंग भी कर दी है। यह मसौदा प्रस्ताव अल्बानिया द्वारा लाया गया।
भारत सहित संयुक्त राष्ट्र के 107 सदस्य देशों की ओर से रिकॉर्ड किए गए वोट के पक्ष में मतदान करने के बाद गुप्त मतदान के लिए मास्को की मांग को खारिज कर दिया गया। केवल 13 देशों ने गुप्त मतदान के लिए रूस के आह्वान के पक्ष में मतदान किया, जबकि 39 ने वोटिंग में भाग नहीं लिया। रूस और चीन उन देशों में शामिल थे,जिन्होंने वोट नहीं दिया।
UNO: रूस बोला- की सदस्यता अपमानजनक धोखाधड़ी
दूसरी तरफ रूस के स्थायी प्रतिनिधि वसीली नेबेंजिया ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र की सदस्यता अब एक अपमानजनक धोखाधड़ी का गवाह बन गई है जिसमें दुर्भाग्य से महासभा के अध्यक्ष ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।उन्होंने कहा कि यह एक अभूतपूर्व हेरफेर है जो आमसभा और समग्र रूप से संयुक्त राष्ट्र के अधिकार को कम करता है।बेशक ऐसी परिस्थितियों में हमने वोट में हिस्सा नहीं लेने का विकल्प चुना।
UNO: अवैध जनमत संग्रह की निंदा
पिछले महीने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में अल्बानिया की ओर से पेश किए गए मसौदा प्रस्ताव पर भारत मतदान से दूर था। रूस ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव को वीटो कर दिया था। जो मॉस्को के “अवैध जनमत संग्रह” की निंदा करने के लिए अमेरिका और अल्बानिया की ओर से पेश किया गया था।
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