ट्रेड डील से पहले भारत को अमेरिका से राहत, ट्रंप ने टैरिफ लागू करने की तारीख 1 अगस्त तक बढ़ाई

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ट्रेड डील से पहले भारत को अमेरिका से राहत
ट्रेड डील से पहले भारत को अमेरिका से राहत

भारत-अमेरिका व्यापार समझौते को लेकर अभी भी स्थिति पूरी तरह स्पष्ट नहीं है, लेकिन इस बीच अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से एक राहत भरी खबर आई है। ट्रंप प्रशासन ने भारत पर प्रस्तावित जवाबी टैरिफ को 1 अगस्त 2025 तक टालने का फैसला किया है। इस निर्णय से भारतीय निर्यातकों को थोड़ी राहत मिलेगी, साथ ही दोनों देशों को लंबित मुद्दों को हल कर अंतिम व्यापार समझौते को अंतिम रूप देने के लिए और समय मिल जाएगा।

अमेरिकी टैरिफ पर अस्थायी विराम

सोमवार को अमेरिका ने कई देशों को एक पत्र भेजा जिसमें टैरिफ संबंधी विवरण दिया गया था, लेकिन इस सूची में भारत को शामिल नहीं किया गया। गौरतलब है कि अमेरिका ने 2 अप्रैल को भारतीय वस्तुओं पर 26% अतिरिक्त शुल्क लगाने की घोषणा की थी, जिसे पहले 90 दिनों के लिए टाल दिया गया था। यह अवधि 9 जुलाई को समाप्त हो रही थी, जिसे अब 1 अगस्त तक बढ़ा दिया गया है।

भारत के लिए व्यापारिक राहत

भारत के अंतरराष्ट्रीय व्यापार विशेषज्ञों का मानना है कि यह निर्णय भारत की कूटनीतिक पहल और बातचीत में मजबूती के कारण संभव हो सका है। दिल्ली स्थित वाणिज्य विशेषज्ञ विश्वजीत धर ने इसे भारत के लिए एक राहत भरा कदम बताया और कहा कि भारत के कुछ ठोस रुख के चलते अमेरिका ने यह फैसला लिया है।

कौन-कौन से देश हुए प्रभावित?

ट्रंप प्रशासन ने जिन देशों को पत्र भेजे हैं उनमें बांग्लादेश, जापान, मलेशिया, दक्षिण अफ्रीका, इंडोनेशिया, कंबोडिया, दक्षिण कोरिया, सर्बिया, कजाकिस्तान और थाईलैंड शामिल हैं। इन देशों पर शुल्क लागू करने की कार्यवाही को भी अस्थायी तौर पर रोका गया है। कई अन्य देशों के लिए शुल्क टालने की समयसीमा भी 1 अगस्त तक बढ़ा दी गई है।

निर्यातकों का मानना है कि यह कदम अमेरिका की अपने व्यापारिक भागीदारों से रचनात्मक रूप से जुड़ने की मंशा को दर्शाता है। टेक्नोक्राफ्ट इंडस्ट्रीज (इंडिया) के चेयरमैन शरद कुमार सराफ ने कहा कि ट्रंप का रवैया अक्सर अप्रत्याशित होता है, और यह टैरिफ स्थगन अल्पकालिक राहत के रूप में देखा जाना चाहिए। उन्होंने भारतीय उद्योग को सलाह दी कि वे निर्यात के लिए वैकल्पिक बाजारों की तलाश करें।

अमेरिका भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार

वित्तीय वर्ष 2024-25 में अमेरिका भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार रहा, जिसमें कुल द्विपक्षीय व्यापार 131.84 अरब डॉलर तक पहुंचा। इसमें भारत का अमेरिका को निर्यात 86.51 अरब डॉलर, आयात 45.33 अरब डॉलर और व्यापार अधिशेष 41.18 अरब डॉलर रहा।

व्यापार समझौते की दिशा में कदम

अधिकारियों के मुताबिक, भारत ने अंतरिम व्यापार समझौते को लेकर अमेरिका के सामने अपना पक्ष स्पष्ट कर दिया है और अब अंतिम फैसला अमेरिका को लेना है। माना जा रहा है कि इस समझौते का पहला चरण सितंबर-अक्टूबर 2025 तक पूरा किया जा सकता है। इस घटनाक्रम को देखते हुए यह कहा जा सकता है कि अमेरिका और भारत के बीच व्यापारिक संबंधों में फिलहाल तनाव तो कम हुआ है, लेकिन स्थायी समाधान के लिए समझदारी और निरंतर संवाद की आवश्यकता है।