पिछले लंबे समय से देश में सहिष्णुता बनाम असहिष्णुता को लेकर बहस जारी है। ज्यादातर लोग अब यहीं मानने लगे हैं कि देश में लोग दिन प्रतिदिन असहिष्णु होते जा रहे हैं और लोगों में एक दूसरे के प्रति सहिष्णुता की भावना खत्म होती जा रही है। लेकिन अगर आप भी ऐसा ही सोचते हैं तो ये खबर आपकी सोच को थोड़ा बदलने में जरुर सहायक होगी। इप्सोस मोरी द्वारा 27 देशों में कराए गए एक अध्ययन के अनुसार, भारत चौथा सबसे सहिष्णु देश है। देश के 63 फीसद लोग मानते हैं कि यहां के लोग एक-दूसरे के प्रति बहुत सहिष्णु हैं।
इप्सोस मोरी नामक वैश्विक संस्था द्वारा कराए गए सर्वे में 27 देशों ने हिस्सा लिया था। 27 देशों में किए गए इस सर्वे में लगभग जब 20,000 लोगों से बातचीत की गई और लोगों से पूछा कि उनका समाज, देश कितना बंटा हुआ है। तो 63 फीसद भारतीयों ने माना कि उनके देश में अलग पृष्ठभूमि, संस्कृति और विचारों के प्रति लोग बहुत सहिष्णु हैं। वहीं 53 फीसद भारतीय मानते हैं कि अलग संस्कृति और विचारों के लोगों के बीच घुलने मिलने से आपसी समझ और सम्मान बढ़ता हैं।
वहीं अगर अन्य देशों की बात करें तो दुनिया में कनाडा सबसे सहिष्णु देश हैं। इसके बाद चीन और मलेशिया का नंबर आता है। वहीं सर्वे में हंगरी को सबसे असहिष्णु देश माना गया है।
सर्वे के मुताबिक हंगरी के लोग अपने देश को सबसे कम सहिष्णु मानते हैं, इसके बाद दक्षिण कोरिया और ब्राजील का स्थान है। सर्वे के मुताबिक भारत में करीब 49 फीसदी लोगों को लगता है कि राजनीतिक विचारों में मतभेद तनाव का कारण बनते हैं वहीं 48 फीसदी लोग इसके लिए धर्म और 37 फीसदी लोग सामाजिक-आर्थिक गैप को वजह मानते हैं।