भारत की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज चीन और मंगोलिया की छह दिवसीय यात्रा पर हैं। सुषमा स्वराज चीन की विदेश मंत्री वांग यी के निमंत्रण पर चीन के दौरे पर हैं। आज सुषमा स्वराज चीन के विदेश मंत्री वांग यी से मुलाकात करेंगी। सुषमा स्वराज की चीन यात्रा ऐसे समय में हो रही है जब डोकलाम में हुए सैन्य गतिरोध के बाद दोनों देश तनाव और अविश्वास को कम करने के लिये उच्चस्तरीय बातचीत कर रहे हैं।
13 अप्रैल को संबंधों को बेहतर करने के लिये भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल ने चीन के विदेश मामलों के कमीशन के निदेशक और कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना के सदस्य यांग जेइची से शांघाई में मुलाकात की थी। दोनों पक्षों ने 11वी संयुक्त आर्थिक ग्रुप की बैठक और पांचवी रणनीतिक आर्थिक वार्ता की थी। इसके अलावा दोनों देशों ने सीमा मामलों और नदियों को लेकर भी चर्चा की थी।
सुषमा स्वाराज एससीओ के विदेश मंत्री स्तरीय बैठक में हिस्सा लेंगी। इसके बाद वे मंगोलिया के लिए रवाना हो जाएंगी। वांग चीन के विदेश मंत्री के साथ-साथ स्टेट काउंसलर भी हैं। पिछले महीने वांग के स्टेट काउंसलर बनने के बाद सुषमा स्वराज की ये पहली मुलाकात होगी। चीनी विदेश मंत्री के साथ बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जून में प्रस्तावित चीन यात्रा पर भी चर्चा होगी।
डोकलाम में चले 73 दिनों तक सैन्य गतिरोध के बाद भारत और चीन अपने संबधों को सुधारने की कोशिश कर रहे हैं। दोनों देशों के बीच हाल ही में द्विपक्षीय वार्ताओं और उच्चस्तरीय बैठकों में तेजी दिखाई दे रही है। लंबे समय तक रहे सीमा विवाद के अलावा दोनों के देशों के पास उनके संबंधों के खराब करने वाले बहुत से मुद्दे हैं।
चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा से भारत को नाराजगी है क्योंकि यह प्रसातिव मार्ग इस्लामाबाद के कब्जे वाले विवादास्पद कश्मीर से गुजरता है जिसपर भारत अपना दावा करता है। पाकिस्तान के आतंकी संगठन के प्रमुख मसूद अजहर को संयुक्त राष्ट्र में अंतरराष्ट्रीय आतंकी घोषित करने के भारत के आवेदन में चीन हमेशा से रोड़ा अटकाता रहा है जिसके कारण दोनों देशों के बीच विवाद है।
एपीएन ब्यूरो