भारत पर टैरिफ की मार, मुनीर को ट्रंप का न्योता – अमेरिका-पाकिस्तान की बढ़ती दोस्ती पर सवाल

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भारत पर टैरिफ की मार, मुनीर को ट्रंप का न्योता – अमेरिका-पाकिस्तान की बढ़ती दोस्ती पर सवाल
भारत पर टैरिफ की मार, मुनीर को ट्रंप का न्योता – अमेरिका-पाकिस्तान की बढ़ती दोस्ती पर सवाल

भारत और अमेरिका के बीच टैरिफ को लेकर तनाव गहराता जा रहा है। अमेरिकी पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में 50% टैरिफ लगाने की घोषणा कर दी है, जिससे द्विपक्षीय व्यापारिक रिश्तों में खटास आ सकती है। इसी बीच, अमेरिका और पाकिस्तान के बीच बढ़ती नजदीकियों ने नई चर्चाओं को जन्म दिया है। खबर है कि पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल आसिम मुनीर अगस्त के आखिरी हफ्ते में फिर अमेरिका की यात्रा पर जा सकते हैं।

पाकिस्तानी मीडिया रिपोर्ट्स, विशेष रूप से डॉन न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक, मुनीर का यह दौरा अमेरिका और पाकिस्तान के बीच लगातार मजबूत होते सैन्य संबंधों का संकेत है। बताया जा रहा है कि मुनीर, यूनाइटेड स्टेट्स सेंट्रल कमांड (CENTCOM) के कमांडर जनरल माइकल कुरिला के विदाई समारोह में हिस्सा लेने वॉशिंगटन जाएंगे।

पाकिस्तान को ‘आतंक के खिलाफ साथी’ क्यों कहा गया?

जनरल माइकल कुरिला, जो इस महीने रिटायर हो रहे हैं, पश्चिम एशिया में अमेरिकी सैन्य अभियानों का नेतृत्व कर चुके हैं। ‘द हिंदू’ की रिपोर्ट के अनुसार, कुछ समय पहले उन्होंने पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI की कार्रवाई की सराहना की थी। ISIS के पांच आतंकियों को पकड़ने में पाकिस्तान ने अहम भूमिका निभाई थी। कुरिला ने खुलेआम कहा था कि अमेरिकी इनपुट पर पाकिस्तान ने प्रभावी एक्शन लेकर अमेरिका का सहयोग किया।

मुनीर और ट्रंप की मुलाकात की क्या थी अहमियत?

जनरल मुनीर इस साल जून में भी अमेरिका गए थे, जहां उन्होंने डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात की थी। दोनों के बीच करीब दो घंटे लंबी बैठक हुई और साथ में लंच भी किया गया। व्हाइट हाउस की ओर से इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा गया था कि ट्रंप ने ही मुनीर को आमंत्रित किया था। यह भी बताया गया कि ट्रंप ने भारत-पाकिस्तान के बीच परमाणु तनाव कम करने और शांति बनाए रखने की सिफारिश की थी।

यह मुलाकात इसलिए भी महत्वपूर्ण मानी जा रही है क्योंकि ट्रंप पहले भी ऑपरेशन सिंदूर के बाद दोनों देशों के बीच सीजफायर का श्रेय खुद को दे चुके हैं। ऐसे में जब भारत टैरिफ के मुद्दे पर अमेरिका से नाराज़ है, और वहीं पाकिस्तान से रिश्ते गर्म हो रहे हैं, तो यह अंतरराष्ट्रीय राजनीति में नया समीकरण बनने के संकेत हो सकते हैं।