
दक्षिण कोरिया में विपक्षी डेमोक्रेटिक पार्टी के नेता ली जे-म्युंग ने राष्ट्रपति चुनाव में जीत दर्ज कर ली है। बुधवार, 4 जून 2025 (कोरियाई समयानुसार) तड़के, उनके मुख्य प्रतिद्वंद्वी किम मून सू ने परिणामों की औपचारिक घोषणा से पहले ही हार स्वीकार कर ली और ली को बधाई दी।
सत्ता परिवर्तन के पीछे राजनीतिक संकट की अहम भूमिका
यह चुनाव एक ऐसे समय में हुआ जब देश में पूर्व राष्ट्रपति यून सुक योल द्वारा लगाए गए अस्थायी मार्शल लॉ को लेकर भारी विवाद खड़ा हो गया था। इस कदम की व्यापक आलोचना के बाद यून को पद से हटना पड़ा, जिसने चुनावी माहौल को विपक्ष के पक्ष में मोड़ दिया।
पीएम मोदी का शुभकामना संदेश
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ली जे-म्युंग को उनकी जीत पर बधाई दी। उन्होंने एक्स पर लिखा, “ली जे-म्युंग को दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति चुने जाने पर बधाई। भारत-आरओके विशेष रणनीतिक साझेदारी को और अधिक विस्तारित और मजबूत करने के लिए मिलकर काम करने की आशा है।”
नतीजों ने जनता के मूड का दिया संकेत
करीब 95% वोटों की गिनती के आधार पर, ली को 48.86% वोट मिले, जबकि किम मून सू को 41.98% मत प्राप्त हुए। इससे पहले के एग्ज़िट पोल में ली को बढ़त मिलने के संकेत मिल रहे थे। विशेषज्ञों के अनुसार, पूर्व राष्ट्रपति के फैसलों से नाराज जनता ने विपक्ष को समर्थन देकर बदलाव की इच्छा जताई है।
विदेश नीति में संतुलन की चुनौती
ली जे-म्युंग पर अतीत में चीन और उत्तर कोरिया के प्रति झुकाव के आरोप लगे हैं, लेकिन उन्होंने स्पष्ट किया है कि अमेरिका के साथ गठबंधन दक्षिण कोरिया की विदेश नीति की “नींव” बना रहेगा। उनकी सरकार को डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ नीतियों और उत्तर कोरिया के परमाणु कार्यक्रम जैसी अंतरराष्ट्रीय चुनौतियों का सामना करना होगा।
शपथ ग्रहण में नहीं होगा देरी
दक्षिण कोरिया की परंपरा से अलग हटते हुए, ली जे-म्युंग ने बुधवार को ही राष्ट्रपति पद की शपथ ली। आमतौर पर राष्ट्रपति चुनाव के बाद दो महीने का ट्रांज़िशन पीरियड होता है, लेकिन इस बार वह लागू नहीं किया गया। शपथ के बाद ली ने कहा, “आइए इस क्षण से एक नई शुरुआत करें… जो लोग हमारे समर्थन में नहीं थे, वे भी हमारे अपने लोग हैं।”