‘आतंकी अगर पाकिस्तान में है, तो मारा जाएगा’ – विदेश मंत्री जयशंकर की पाकिस्तान को खुली चेतावनी

0
3
'आतंकी अगर पाकिस्तान में है, तो मारा जाएगा' – विदेश मंत्री जयशंकर की पाकिस्तान को खुली चेतावनी
'आतंकी अगर पाकिस्तान में है, तो मारा जाएगा' – विदेश मंत्री जयशंकर की पाकिस्तान को खुली चेतावनी

सीमा पर हाल में हुई झड़पों के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्षविराम को लेकर एक अहम जानकारी सामने आई है। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने एक इंटरव्यू में बताया कि दोनों देशों के बीच सीजफायर को लेकर सीधी बातचीत हुई थी, जिसमें किसी भी तीसरे देश की कोई भूमिका नहीं रही। डच न्यूज़ चैनल NOS से बातचीत के दौरान उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि पाकिस्तान ने खुद भारत से संपर्क किया था और बातचीत का यह सिलसिला आगे बढ़ा, जिससे तनाव कम करने का रास्ता निकला।

जयशंकर ने यह भी कहा कि भारत हमेशा से स्पष्ट रहा है—अगर पाकिस्तान गोलीबारी रोकना चाहता है, तो उसे सीधे संवाद करना होगा। और यही हुआ। इस सीधी बातचीत के जरिए दोनों देशों ने शांति बनाए रखने की दिशा में एक जरूरी कदम उठाया, जो इस क्षेत्र की स्थिरता के लिए बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद बदला माहौल

22 अप्रैल को पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में भारत ने ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया था। इस ऑपरेशन के चलते पाकिस्तान की ओर से 10 मई को हॉटलाइन के ज़रिए संपर्क किया गया, जिसमें उन्होंने संघर्ष विराम की इच्छा जताई। भारत ने इसका जवाब भी उसी माध्यम से दिया। जयशंकर ने कहा कि यह संवाद पूरी तरह मौजूदा सैन्य संचार प्रणाली के जरिए हुआ, जिसमें कोई अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता नहीं थी।

‘अगर आतंकवादी पाकिस्तान में है, तो वहीं निशाना बनाया जाएगा’

जयशंकर ने बेहद स्पष्ट शब्दों में कहा कि भारत की नीति एकदम साफ है – अगर आतंकवादी पाकिस्तान की ज़मीन से काम कर रहा है, तो उसे वहीं खत्म किया जाएगा। उन्होंने यह भी बताया कि भारत उन ठिकानों को निशाना बना रहा है, जो संयुक्त राष्ट्र द्वारा सूचीबद्ध आतंकवादियों के संचालन क्षेत्र माने जाते हैं।

आतंकी हमले की पुनरावृत्ति पर सख्त प्रतिक्रिया तय

जयशंकर ने चेताया कि अगर भविष्य में फिर ऐसा हमला होता है, जैसा कि 22 अप्रैल को हुआ था, तो भारत की प्रतिक्रिया और भी सख्त होगी। उन्होंने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर अभी भी जारी है, लेकिन यह ऑपरेशन सीमा पर गोलीबारी जैसी कार्रवाई नहीं है, बल्कि आतंकवाद के खिलाफ एक रणनीतिक संदेश है।

पाकिस्तान की कॉल पर हुआ था पहला कदम

विदेश मंत्री के अनुसार, 10 मई को पाकिस्तानी सेना ने हॉटलाइन के जरिए संपर्क किया, जिसमें यह संदेश था कि वे शत्रुता समाप्त करना चाहते हैं। भारत ने उसी चैनल से जवाब देकर इस प्रस्ताव को स्वीकार किया। उन्होंने यह भी स्वीकारा कि अमेरिका, खाड़ी देश और कुछ अन्य देशों ने तनाव को लेकर चिंता जताई थी, लेकिन अंतिम निर्णय भारत और पाकिस्तान के बीच सीधे संवाद से हुआ।

आतंक के खिलाफ भारत का रुख अडिग

जयशंकर ने इंटरव्यू में बताया कि भारत आतंक के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति पर काम कर रहा है। उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि पहलगाम हमले का मुख्य उद्देश्य कश्मीर की टूरिज्म आधारित अर्थव्यवस्था को चोट पहुंचाना और धार्मिक वैमनस्य फैलाना था।