
गाजा में बंद इजरायली बंधकों के लिए आखिरकार उम्मीद की किरण नजर आ रही है। करीब दो साल से बंधक बनाकर रखे गए इजरायली नागरिकों की रिहाई की संभावना अब मजबूत हो गई है, क्योंकि हमास ने अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के “गाजा पीस प्लान” पर अपनी सहमति जता दी है। ट्रंप के कड़े रुख और लगातार दबाव के बाद हमास अब न केवल सभी इजरायली बंधकों को रिहा करने के लिए तैयार है, बल्कि गाजा प्रशासन से भी खुद को अलग करने की बात मान चुका है।
ट्रंप के प्लान पर हामी भरता हमास
हमास की ओर से शुक्रवार को जारी बयान में कहा गया कि वह ट्रंप की 20 सूत्रीय शांति योजना के तहत “सभी इजरायली बंधकों” — चाहे जीवित हों या मृत — को रिहा करने के लिए तैयार है। इस कदम को इजरायल-हमास संघर्ष में एक बड़ा टर्निंग पॉइंट माना जा रहा है। लंबे समय से चली आ रही हिंसा, हवाई हमलों और बंधक संकट के बीच यह पहली बार है जब हमास ने किसी अंतरराष्ट्रीय शांति प्रस्ताव पर सकारात्मक प्रतिक्रिया दी है।
क्या है ट्रंप का 20 सूत्रीय “गाजा प्लान”?
- ट्रंप की योजना के मुताबिक, शांति समझौते के 72 घंटे के भीतर हमास को सभी बंधकों को रिहा करना होगा। बदले में, इजरायल अपनी जेलों में बंद सैकड़ों फिलिस्तीनी कैदियों को मुक्त करेगा।
- इस प्लान में यह भी कहा गया है कि अगर सीजफायर लागू होता है तो इजरायल अपनी सेनाओं को चरणबद्ध तरीके से गाजा से वापस बुलाएगा।
- गाजा को इजरायल पर किसी भी तरह के रॉकेट या हथियारबंद हमले बंद करने होंगे।
- सुरक्षा व्यवस्था के लिए गाजा में एक बहुराष्ट्रीय शांति बल तैनात किया जाएगा, जिसमें अमेरिका, अरब देश और नाटो के सैनिक शामिल होंगे।
- अंतरराष्ट्रीय निगरानी में हमास और अन्य उग्रवादी संगठनों को निहत्था किया जाएगा।
- जो सदस्य हथियार छोड़ देंगे उन्हें माफी दी जाएगी, जबकि जो गाजा छोड़ना चाहें उन्हें सुरक्षित निकास दिया जाएगा — इसके लिए जॉर्डन, मिस्र, कतर और ईरान जैसे देशों से मार्ग उपलब्ध कराया जाएगा।
अब गाजा प्रशासन नहीं चलाएगा हमास
हमास ने कहा है कि अगर ट्रंप का प्लान लागू होता है तो वह गाजा प्रशासन की जिम्मेदारी फिलिस्तीनी तकनीकी विशेषज्ञों (टेक्नोक्रेट्स) के एक स्वतंत्र निकाय को सौंपने को तैयार है। यह गाजा की सत्ता में बड़े बदलाव का संकेत है, क्योंकि 2007 से अब तक गाजा का शासन पूरी तरह हमास के नियंत्रण में रहा है।
ट्रंप का अल्टीमेटम लाया असर
दरअसल, ट्रंप ने हाल ही में हमास को सख्त अल्टीमेटम देते हुए कहा था कि अगर रविवार शाम 6 बजे तक हमास शांति समझौते के लिए राजी नहीं होता, तो गाजा पर “कड़ा सैन्य एक्शन” लिया जाएगा। ट्रंप ने कहा था — “यह हमास के लिए आखिरी मौका है कि वह दुश्मनी खत्म करे और शांति को अपनाए, वरना परिणाम बहुत गंभीर होंगे।” इसी चेतावनी के बाद हमास ने नरमी दिखाते हुए शर्तें मान लीं।
हमास ने ट्रंप का जताया आभार
हमास ने बयान जारी कर ट्रंप को धन्यवाद देते हुए कहा कि “उन्होंने गाजा में शांति स्थापित करने और मानवीय संकट खत्म करने के लिए निर्णायक भूमिका निभाई है।”
हमास के प्रवक्ता ने कहा कि संगठन अब मध्यस्थ देशों के साथ विस्तृत बातचीत के लिए तैयार है ताकि बंधकों की रिहाई और गाजा पुनर्निर्माण की दिशा में तुरंत कदम उठाए जा सकें।
क्या अब खत्म होगा गाजा-इजरायल संघर्ष?
हमास की सहमति से ऐसा लग रहा है कि दो सालों से जारी खूनी संघर्ष अब थम सकता है। हालांकि, अब नजरें इजरायल के रुख पर टिकी हैं — क्या वह भी ट्रंप की शर्तों को पूरी तरह स्वीकार करेगा? विशेषज्ञों का मानना है कि अगर दोनों पक्षों के बीच यह समझौता लागू हो जाता है, तो यह मध्य पूर्व में शांति स्थापना की दिशा में ऐतिहासिक कदम होगा।
अगर ट्रंप की योजना सफल होती है, तो यह न केवल गाजा-इजरायल संघर्ष के अंत की शुरुआत होगी, बल्कि दुनिया के लिए यह एक उदाहरण भी बनेगी कि संवाद और कूटनीति से सबसे पुराने विवाद भी सुलझाए जा सकते हैं।