अमेरिका के दक्षिण पूर्वी तट पर स्थित है ये जानलेवा बरमूडा ट्रायंगल। बरमूडा ट्राएंगल अमेरिका के फ्लोरिडा, प्यूर्टो रिको और बरमूडा इन तीन जगहों को जोड़ने वाला एक काल्पनिक ट्रायंगल यानी त्रिकोण है। जहां पहुंचते ही बड़े से बड़ा समुद्री और हवाई जहाज गायब हो जाता है। इस ट्राएंगल के पास पहुंचते ही न तो जहाज मिलता है और न ही उसके यात्री। किसी को पता भी नहीं चलता कि जहाज को आसमान निगल गया या समुद्र। यहाँ तक की दुनिया के किसी भी नक़्शे में बरमूडा ट्रायंगल को नहीं दिखाया जाता है।
पूरी दुनिया के लिए बरमूडा ट्रायंगल एक ऐसा रहस्य और पहेली बना हुआ है जिसका तोड़ आज तक बड़े से बड़े वैज्ञानिक भी नहीं निकल पाए। लेकिन अब जाके इस रहस्य को वैज्ञानिकों ने सुलझाने का दावा किया है। वैज्ञानिकों का दावा है कि 100 फीट ऊंची खतरनाक लहरें इसका कारण हो सकती हैं जिसके कारण समुद्री नाव इस रहस्यमयी बरमूडा त्रिकोण में लापता हो जाती है।
रहस्यमयी बरमूडा ट्रायंगल को शैतान के त्रिकोण के नाम से भी जाना जाता है। समुद्र के इस इलाके में आने से नाविक खौफ खाते हैं। कारण है कि यहां से बीते 50 वर्षों से 3 हजार से ज्यादा पानी के जहाज और 50 से हवाई जहाज गायब हुए हैं। उन जहाजों का आज तक पता नहीं चल पाया है। जहाज इस इलाके में आते हैं और शैतान के त्रिकोण में घुसते ही हवा में गायब हो जाते हैं।
क्षेत्र से गुजरने वाले समुद्री विमान के साथ प्लेन भी यहां से एकाएक गायब हो जाते है। बरमूडा ट्रैंगल का यह क्षेत्र 7 लाख वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है। यह क्षेत्र भूमध्य रेखा के नजदीक है, और अमेरिका के फ्लोरिडा तय के पास है।
लम्बे समय से ये बेहद डरावना रहस्य रहा है की आखिर इतने सारे जहाज़ कहां गुम हो गए। इनके डूबने या पानी में गिरने की भी पुष्टि नहीं हो पायी क्योंकि न ही इन जहाजों का कभी मलबा मिला न ही इनमे सफर करने वाले लोगों में से कोई जीवित या मुर्दा मिला। पिछले 100 सालों में करीब हजार जिंदगियां यहां पर बलि चढ़ी हैं।
बरमूडा ट्रायंगल के बारें में माना जाता है की की ये अपने आस पास से गुजरने वाली हर चीज़ को आपने पास खींच लेता है और उसके बाद क्या होता है कोई नहीं जानता। कई बार इसके रहस्य को सुलझाने के दावे हुए पर किसी के पास भी पुख्ता सबूत नहीं थे।
लगातार जहाजों के गायब होने के चलते तकरीबन 500 साल बाद इसे ‘डेंजर रीजन’ का नाम दिया गया था और अब जहाजों को इस क्षेत्र के नजदीक से निकलने की रोक लगा दी गयी है। कुछ लोग तो यहां तक कहते थे कि उस क्षेत्र में एलियंस रहते हैं।
पिछले 70 साल तक कोई वैज्ञानिक वहां जाकर इस रहस्य से पर्दा उठाने की हिम्मत नहीं दिखा पाया, क्योंकि वहां से गुजरने वाले समुद्री विमान और प्लेन विशेष भौगोलिक कारणों की वजह से अचानक समुद्री गर्त में घुसकर गायब हो जाते थे।
कुछ वैज्ञानिकों ने अपने शोध के बाद यह कहा कि पृथ्वी के इस भाग में समुद्र के नीचे जलनीय मीथेन गैस बहुत अधिक मात्रा में पाया जाता होगा जिसके कारण जब भी बिजली कड़कती होगी या तूफान आता होगा तब मीथेन गैस के बहुत बड़े bubble बनते होंगे, इस दौरान जब भी कोई समुद्री जहाज या हवाई जहाज इस जगह से गुजरता होगा वह दुर्घटनाग्रस्त हो जाता होगा। लेकिन इसकी पृष्टि नहीं हो पाई।
कई दशकों से बरमूडा ट्रैंगल रहस्य बना हुआ था। लेकिन अब वैज्ञानिकों ने रहस्य को सुलझाने का दावा किया है। एक सनसनीखेज खुलासे में वैज्ञानिकों ने कहा कि 100 फीट उंचे समंदर ने खास तरह के लहरों के कारण जहाजें और प्लेन यहां से गायब होते हैं। वैज्ञानिकों ने इसके लिए लैबोरेटरी में परीक्षण किए। इन खास तरह के लहरों को पैदा किया और फिर इस निषकर्ष पर पहुंचे।
एपीएन ब्यूरो