Tag: bhalchandra nemade hindu
‘जरीला’ में दुनिया के साथ तालमेल बैठाते हुए आंतरिक विद्रोह को...
'जरीला' मराठी लेखक भालचंद्र नेमाड़े के चांगदेव चतुष्टय की तीसरी कड़ी है। शृंखला के इस तीसरे हिस्से में नायक चांगदेव अपने अस्तित्व की खोज...
‘बिढार’ में आदर्शवाद की निरर्थकता और Counter Culture की नाकामी बताते...
आमतौर पर जब भी आप कोई उपन्यास कहानी या ऐसी ही कोई गद्य रचना पढ़ते हैं तो उसमें लेखक बीच-बीच में बहुत ही गहरी...