भारत के राष्ट्रीय खेल हॉकी में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों को अवॉर्ड के लिए नामांकित किया गया है। हॉकी इंडिया ने सोमवार को एस.वी. सुनील और दीपिका का नाम अर्जुन अवॉर्ड के लिए नामांकित किया है। इसके अलावा आर.पी सिंह और सुमराई टेटे का नाम ध्यान चंद अवॉर्ड के लिए नामांकित किया गया है। वहीं कोच संदीप सांगवान तथा रोमेश पठानिया का नाम द्रोणाचार्य अवॉर्ड की लिस्ट में शामिल है। इस लिस्ट में पूर्व कप्तान और मिड फील्डर सरदार सिंह का नाम खेल रत्न के लिए शामिल है।
इस मौके पर एचआई के सचिव मोहम्मद मुश्ताक एहमद ने कहा कि भारतीय हॉकी का जिन-जिन खिलाड़ियों ने नाम रौशन किया है हमने उनके नाम सम्मान के लिए नामांकित किए हैं। उन्होंने कहा कि अपने खेल से सभी को प्रभावित करने वाले इन सभी खिलाड़ियों का नाम भेजकर हम काफी खुश हैं। अपने जुनून और प्रतिबद्धता से इन खिलाड़ियों ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत को गौरवान्वित किया है। मेरा मानना है कि यह सभी इस सम्मान के हकदार हैं।”
सुनील और दीपिका का नाम अर्जुन पुरस्कार के लिए भेजा गया
हालिया दौर में भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने जो सफलता पाई है, उसमें सुनील ने अहम रोल अदा किया है। उन्होंने 2007 में एशिया कप से हॉकी में डेब्यू किया था। सुनील को 2016 में एशिया के साल के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी का पुरस्कार भी मिल चुका है। अर्जुन पुरस्कार की लिस्ट में सुनील के अलावा दीपिका कुमारी का भी नाम है। दीपिका लगभग एक दशक से हॉकी खेल रही हैं। उन्होंने देश की तरफ से राष्ट्रमंडल खेलों, विश्व कप, रियो ओलंपिक-2016 जैसे बड़े आयोजनों में हिस्सा लिया है। पिछले साल एशियाई चैंपियंस ट्रॉफी जीतने वाली टीम में दीपिका भी शामिल थीं।
गोल्ड मेडलिस्ट हैं आरपी सिंह
आरपी सिंह ने 1986 और 1990 के विश्व कप में देश का प्रतिनिधित्व किया था। भारतीय महिला टीम की पूर्व कप्तान और कोच, टेटे राष्ट्रमंडल खेल-2002 में मैनचेस्टर में स्वर्ण पदक जीतने वाली टीम का हिस्सा थीं।
सबसे युवा कप्तान हैं सरदार सिंह
2012 में अर्जुन पुरस्कार और 2015 में पद्मश्री पुरस्कार का सम्मान पा चुके सरदार सिंह देश के सबसे युवा कप्तान थे। 2008 में सुल्तान अजलान शाह कप में उन्होंने जब देश की कप्तानी की तो वह देश के सबसे युवा कप्तान बने। सरदार ने 2003-2004 में भारतीय जूनियर टीम के पोलैंड दौरे पर टीम में कदम रखा था। इसके बाद उन्होंने सीनियर टीम में पाकिस्तान के खिलाफ अपना पहला मैच खेला। सरदार को हॉकी महासंघ की 2010 और 2011 टीम में जगह भी मिली थी।