किसानों को आर्थिक रूप से मजबूत करने के लिए केंद्र सरकार की प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (PM Kisan Yojana) योजना चलाई जा रही है। लेकिन इसके अलावा एक और सरकारी योजना है, जिसका लाभ पीएम किसान योजना के लाभार्थियों को स्वतः मिल सकता है — यह योजना है प्रधानमंत्री किसान मानधन योजना।
अधिकतर किसानों को इस योजना की जानकारी नहीं होती, जबकि इसका फायदा खुद-ब-खुद उन्हें मिल सकता है। पीएम किसान योजना में रजिस्टर्ड किसानों का नाम सीधे पीएम किसान मानधन योजना में भी जोड़ दिया जाता है। इसके लिए उन्हें अलग से कोई आवेदन करने की आवश्यकता नहीं होती।
मानधन योजना में कैसे जुड़ती है रकम?
पीएम किसान योजना से जुड़े किसान स्वचालित रूप से मानधन योजना में पंजीकृत हो जाते हैं। इस योजना के अंतर्गत पात्र किसानों को 60 वर्ष की आयु पूरी करने के बाद हर महीने ₹3000 की पेंशन मिलती है। यह पेंशन जीवन भर दी जाती है, जिससे सालाना ₹36,000 की आर्थिक मदद मिलती है।
इस पेंशन योजना में भाग लेने के लिए किसानों को 55 रुपये से 200 रुपये तक मासिक अंशदान देना होता है। यह राशि उनकी उम्र पर निर्भर करती है और इसे सीधे किसान सम्मान निधि की किस्तों से काटा जाता है। यानी किसानों को अलग से भुगतान नहीं करना पड़ता।
कब रुक सकती है पीएम किसान की किस्त?
अगर आपने पीएम किसान योजना में अपना आधार नंबर या मोबाइल नंबर अपडेट नहीं किया है, तो आपकी अगली किस्त अटक सकती है। मोबाइल नंबर जुड़ा होने पर किस्त की जानकारी SMS के माध्यम से मिल जाती है। साथ ही, आधार कार्ड की लिंकिंग KYC के लिए भी अनिवार्य है।
इसके अलावा, यदि जमीन से जुड़ी कोई गलत जानकारी फॉर्म में भर दी जाती है, तो भी किस्त रोकी जा सकती है। इसीलिए सभी जानकारियों को सटीक और अद्यतन रखना बेहद आवश्यक है।