उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद की ओर से हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की परीक्षाएं गुरुवार से शुरू हो गई हैं। इस साल हाईस्कूल की परीक्षा में 31,95,603 स्टूडेंट जबकि इंटरमीडिएट की परीक्षा में 26,11,319 स्टूडेंट शामिल हो रहे हैं। इस बार परीक्षार्थियों की संख्या पिछले साल के मुकाबले कम है और बताया जा रहा है कि नकल पर सख्ती की वजह से ऐसा हो रहा है। वहीं उत्तर प्रदेश के उप-मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा ने भी परीक्षा केंद्र का औचक निरीक्षण किया। इस दौरान वो राजेंद्र नगर में नवयुग कन्या विद्यालय में पहुंचे।

हर परीक्षा केंद्र पर है कैमरा

बता दें कि पिछले साल करीब 10 लाख परीक्षार्थियों ने बीच में ही परीक्षा छोड़ दी थी। वहीं इस साल की परीक्षा को लेकर परिषद की सचिव नीना श्रीवास्तव ने बताया कि इन परीक्षाओं के लिए कुल 8,354 परीक्षा केंद्र बनाए गए हैं और बिना नकल परीक्षा कराने के लिए सभी केंद्रों पर सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। नीना श्रीवास्तव ने बताया कि कुंभ मेले को देखते हुए प्रमुख स्नान पर्व को और उससे एक दिन आगे और पीछे परीक्षा नहीं है। श्रीवास्तव ने कहा, ‘हमारी कोशिश होगी कि अप्रैल के दूसरे या तीसरे सप्ताह में हम इन परीक्षाओं के परिणाम घोषित कर दें।

परीक्षा केंद्र के लिए पेपर सेट

इस साल सभी परीक्षा केंद्रों के लिए प्रश्नपत्रों का केंद्रवार बंडल बनाया गया है। परीक्षाओं में नकल और उत्तर पुस्तिकाओं की हेराफेरी पर अंकुश लगाने के लिए प्रदेश से समस्त जिलों के वास्ते क्रमांकित उत्तर पुस्तिकाओं की व्यवस्था की गई है।

16 दिन तक चलेंगी परीक्षाएं

गौरतलब है कि हाईस्कूल यानी दसवीं बोर्ड की परीक्षा कुल 14 दिनों में पूरी होकर 28 फरवरी 2019 को खत्म हो जाएगी जबकि इंटरमीडिएट यानी 12वीं बोर्ड की परीक्षा कुल 16 दिनों में पूरी होकर 2 मार्च को खत्म होगी। सरकार ने नकल रोकने के सिए 1314 परीक्षा केंद्रों को संवेदनशील और 448 परीक्षा केंद्रों को अतिसंवेदनशील केंद्र घोषित किए हैं। साथ ही इन परीक्षा केंद्रों पर नजर बनाए रखने के लिए स्पेशल टास्क फोर्स भी बनाई गई है।

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