बीती 1 जुलाई से आख़िरकार जीएसटी यानी वस्तु व सेवा कर लागू हो ही गया। सरकार की तरफ से कई बार बयान दिये गये कि जीएसटी भारत की कर व्यवस्था को सुधारने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। जीएसटी को कर व्यवस्था में अब तक का सबसे बड़ा सुधार कहा जा रहा हैं। लेकिन इस सुधार ने तमिलनाडु के सिनेमाघर उद्योग की कमर तोड़ दी है। जीएसटी तो फिर भी ठीक है पर उसके साथ 30 फीसदी स्थानीय कर लगाने के निर्णय के विरोध में तमिलनाडु भर के सिनेमाघर सरकार के इस फैसले के विरोध कर रहे हैं।

सिनेमा पर दोतरफा कर लगाने के विरोध में पूरे तमिलनाडु में सिनेमाघर सोमवार से बंद किए गए हैं। तमिलनाडु में सिनेमाघरों की हड़ताल के चलते लगभग 1000 थिएटर बंद हैं। 30 जून को तमिलनाडु फिल्म चेम्बर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष अबीरामी रामनाथन ने कहा था कि, “सरकार को दक्षिण के अन्य राज्यों के टैक्स स्लैब की तरह इसे करना चाहिए।” इसके साथ ही उन्होंने स्थानीय कर को खत्म करने की मांग करते हुए केरल सरकार द्वारा इस टैक्स को समाप्त किए जाने की तरफ भी ध्यान दिलाना चाहा।
तमिलनाडु के पड़ोसी राज्यों केरल, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और कर्नाटक में 100 रुपये की कीमत वाले एक टिकट की कीमत जीएसटी के बाद 118 रुपये हो गई है लेकिन तमिलनाडु में सरकार द्वारा 30 फीसदी अतिरिक्त कर लगाने से यह कीमत 148 रुपये होगी।

कमल हासन ने भी दिया समर्थन

मशहूर अभिनेता व फिल्म निर्देशक कमल हासन ने भी बंद का समर्थन करते हुए कहा कि तमिल फिल्म इंडस्ट्री एक आवाज में इस पर अपनी बात रखेगा। सोमवार को यहां एक डबिंग स्टूडियो की शुरुआत के दौरान कमल हासन ने मीडिया से कहा, “पूरा फिल्म जगत एक साथ आ रहा है और जल्द ही एक आवाज में बोलेगा।”