KANWAR YATRA : पहचान पर घमासान! कांवड़ यात्रा नेमप्लेट विवाद पर ये क्या बोल गए केन्द्रीय मंत्री गिरिराज सिंह- ‘अगर हिन्दू…’

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KANWAR YATRA : भगवान शिव के जलाभिषेक के लिए हरिद्वार से जल लाने कांवड़िया निकल चुके हैं। काँवड़ यात्रा के बीच उत्तर प्रदेश में बड़ा सियासी विवाद उठ खड़ा हुआ है। यूपी सरकार ने काँवड़ यात्रा के रूट पर सभी दुकानों, ढाबों, रोड़ पर समान बेचने वालों को अपने नाम की नेम प्लेट अपने साथ या अपनी दुकान पर रखने के निर्देश दिए हैं। यूपी सरकार का कहना है कि ऐसा वे राज्य में सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखने और कावड़ यात्रियों की आस्था और शुचिता को बरकरार रखने के कर रहे हैं। जिसपर अब सियासी घमासान उठ खड़ा हुआ है। विपक्ष के नेता अब यूपी सरकार के इस फैसले पर सीएम योगी और पीएम मोदी, दोनों पर भेदभाव की राजनीति का आरोप लगा रहे हैं। इसी बीच आज यानी शनिवार को केन्द्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने अपने एक्स अकाउंट से नेमप्लेट विवाद पर बयान दिया, जिसके बाद ये मुद्दा और गर्मा चुका है।

क्या बोले कपड़ा मंत्री गिरिराज सिंह?

केन्द्रीय कपड़ा मंत्री गिरीराज सिंह ने शनिवार की सुबह अपने आधिकारिक एक्स अकाउंट पर लिखा, “अगर हिन्दू नाम इतना प्रिय है तो हिन्दू क्यों नहीं बन जाते?”। मालूम हो कि पहले मुजफ्फरनगर प्रशासन ने आदेश जारी किया कि कांवड़ रूट पर आने वाले दुकानों, ढाबों और होटल के मालिकों को अपना नाम काउन्टर में साफ शब्दों में लिखना होगा। जब नेमप्लेट के इस मुद्दे पर विवाद होने लगा तो सीएम योगी ने पूरे राज्य के लिए ये निर्देश जारी कर दिए। लोग अब इस आदेश का पालन करते हुए नजर आ रहे हैं। कांवड़ रूट पर दुकानों, खासकर खाने की दुकान पर नेमप्लेट लगे दिख रहे हैं।

NDA सहयोगियों ने किया बीजेपी के फैसले का विरोध

योगी सरकार के इस फैसले को काफी आलोचना का सामना करना पड़ रहा है। विपक्ष तो इसकी आलोचना कर ही रहा है, लेकिन एनडीए के सहयोगी दल भी योगी सरकार के इस फैसले के समर्थन से दूरी बना रहे हैं और विरोध कर रहे हैं। आरएलडी, जेडीयू और एलजेपी ने यूपी सरकार के इस फैसले की आलोचना की है। चिराग पासवान ने नेमप्लेट विवाद पर कहा, “मैं धर्म या जाति के नाम पर इस प्रकार के विभेद का समर्थक नहीं हूँ”। जेडीयू नेता केसी त्यागी ने कहना है, “यूपी सरकार का फैसला पीएम मोदी के सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास विचारधारा के खिलाफ है।” वहीं आरलेडी के यूपी अध्यक्ष रामाषीश राय ने कहा, ” ये गैर-संवैधानिक फैसला है, जो कि वापस होना चाहिए।”

बता दें कि यूपी सरकार के नक्शे कदमों पर चलते हुए उत्तराखंड की धामी सरकार ने भी सभी दुकानदारों को नेमप्लेट और पहचान पत्र साथ रखने के निर्देश दिए हैं।