महाराष्ट्र के सोलापुर जिले के एक छोटे से गांव में जन्मे श्री बालासाहेब पाटिल का जीवन किसी प्रेरणादायक कहानी से कम नहीं है। किसान परिवार से आने वाले पाटिल ने एग्रीकल्चर में स्नातक की पढ़ाई पूरी की। पढ़ाई के दौरान ही उनके मन में समाजसेवा की भावना मजबूत हुई और उन्होंने सहकारी क्षेत्र की परीक्षा पास की। इसके बाद महाराष्ट्र पुलिस सेवा में चयन हुआ और बतौर डिप्टी एसपी उनकी यात्रा शुरू हुई।
करियर की शुरुआत और अहम तैनातियां
बालासाहेब पाटिल के करियर की शुरुआत नासिक से हुई, जहाँ उन्होंने कुंभ मेले जैसी चुनौतीपूर्ण जिम्मेदारी निभाई। इसके बाद उन्होंने विदर्भ, अकोला, सांगली और ठाणे (डीसीपी ट्रैफिक) में महत्वपूर्ण पदों पर काम किया। पालघर में बतौर एसपी रहते हुए उन्होंने कई जटिल परिस्थितियों को संभाला और संवेदनशील कार्यशैली के लिए पहचान बनाई। वर्तमान में वे नासिक ग्रामीण पुलिस अधीक्षक के पद पर कार्यरत हैं।
पालघर कार्यकाल: चुनौतियाँ और सफलताएँ
पालघर जिला संवेदनशील इलाकों में गिना जाता है। गुजरात और दमन की सीमा से लगे इस क्षेत्र में तस्करी और संगठित अपराध बड़ी चुनौती थे। साधु हत्याकांड के बाद पुलिस-ग्रामीण विश्वास बहाल करना सबसे कठिन कार्य था। पाटिल ने “जनसंवाद अभियान” शुरू किया, जिसके तहत हर गांव में एक पुलिस कर्मचारी को संपर्क अधिकारी नियुक्त किया गया।
- बेरोजगारी कम करने के लिए 10,000 युवाओं का सर्वे किया।
- इसमें से 1,800 युवाओं को रोजगार दिलाने में मदद की गई।

मुख्यमंत्री से सम्मान
पालघर पुलिस की इन पहलों को देखते हुए तत्कालीन मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने जिले को राज्य का सर्वश्रेष्ठ पुलिस जिला घोषित किया। मुख्यमंत्री के 100 दिन के कार्यक्रम में पालघर पुलिस ने 90.29 अंकों के साथ शीर्ष स्थान हासिल किया।
नासिक में नई जिम्मेदारियाँ: आगामी कुंभ मेला
नासिक ग्रामीण एसपी के रूप में अब बालाशाहब पाटिल के सामने एक और बड़ी जिम्मेदारी है—आगामी कुंभ मेला। लाखों श्रद्धालुओं की सुरक्षा और व्यवस्था उनके लिए सबसे बड़ी चुनौती होगी।
- भीड़ प्रबंधन और ट्रैफिक नियंत्रण
- अपराध रोकथाम और असामाजिक तत्वों पर कड़ी निगरानी
- CCTV निगरानी और ड्रोन सर्विलांस का उपयोग
- आपातकालीन सेवाओं को आधुनिक तकनीक से लैस करना
क्राइम कंट्रोल और टेक्नोलॉजी की पहल
नासिक में अपराध नियंत्रण और नागरिक सुविधा के लिए कई नवाचार किए हैं।सबसे उल्लेखनीय है “रक्षक AI” व्हाट्सऐप चैटबॉट (7066100112), जिसके जरिए नागरिक सीधे पुलिस से संपर्क कर शिकायतें दर्ज करा सकते हैं। उनकी सोच सिर्फ अपराधियों पर कार्रवाई तक सीमित नहीं है, बल्कि जनसंपर्क और रोकथाम पर भी केंद्रित है।
कौन हैं बालासाहेब पाटिल?
महाराष्ट्र के सोलापुर जिले के एक किसान परिवार से ताल्लुक रखने वाले बालासाहेब पाटिल एक सादगीपूर्ण और कर्तव्यनिष्ठ आईपीएस अधिकारी हैं। उन्होंने एग्रीकल्चर में स्नातक करने के बाद सहकारी क्षेत्र की परीक्षा पास की और फिर महाराष्ट्र पुलिस सेवा से अपनी यात्रा शुरू की। डिप्टी एसपी से लेकर अब आईपीएस बनने तक का उनका सफर प्रेरक है। वर्तमान में वे नासिक कुंभ मेले की चुनौतीपूर्ण जिम्मेदारी निभा रहे हैं।
पारिवारिक जीवन में पत्नी हेमांगिनी पाटिल और दो बेटे हैं। उनके बड़े बेटे रुद्राक्ष पाटिल अंतरराष्ट्रीय स्तर के शूटर हैं और वर्ल्ड चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीत चुके हैं।
किसान परिवार से निकलकर IPS अधिकारी बने श्री बालासाहेब पाटिल यह साबित करते हैं कि कड़ी मेहनत, दूरदर्शिता और जनसेवा की भावना से कोई भी लक्ष्य असंभव नहीं है। पालघर से लेकर नासिक तक उनके कार्यकाल ने यह संदेश दिया है कि पुलिस की असली ताकत जनता का विश्वास है। अब नासिक कुंभ मेला उनकी पुलिसिंग क्षमता की अगली बड़ी परीक्षा होगा।