कोरोना संकटकाल के बीच त्यौहार यूपी सरकार के लिए एक चुनौती हैं। अगस्त का महीना त्यौहार वाला है। जिसमें हिंदुओं का रक्षा बंधन है तो वहीं मुस्लिम समुदाय का सबसे प्रमुख त्यौहारों में से एक ईद-उल-अजहा भी है। बुधवार को योगी सरकार ने मुस्लिम त्यौहार बकरीद और जानवरों की कुर्बानी के लिए गाइडलाइन जारी कर दी। साथ ही सभी धार्मिक स्थलों के लिए भी जरुरी दिशा निर्देश जारी किए। जिसमें साफ तौर पर कहा गया है कि किसी भी धार्मिक स्थल पर सामूहिक रुप से भीड़ इकट्ठा न की जाए।

सिर्फ इतना ही नहीं यूपी के डीजीपी ने एक पत्र भी जारी किया है जिसमें गाइडलाइन के साथ सांप्रदायिक भावनाओं का भी खास ध्यान रखने की हिदायत दी गई है। पत्र में यूपी के सभी जिलों के पुलिस अधिकारियों को कहा गया है कि अक्सर कुर्बानी के दौरान सांप्रदायिक तनाव हो जाता है। इसीलिए इसका खास ख्याल रखा जाए।

गाइडलाइन पत्र में क्या लिखा गया

  1. गाइडलाइन में पुलिस को खास कहा गया है कि लाउडस्पीकर का इस्तेमाल कर लोगों को सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने के लिए जागरूक करें।
  2. सोशल मीडिया पर भी नजर बनाए रखें।
  3. फेक न्यूज फैलाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।
  4. थानाध्यक्ष और क्षेत्राधिकारी हर एक छोटी घटना पर नजर बनाएं और गंभीरता से लें।’

ऐसे होंगे सुरक्षा इंतजाम

बकरीद के मौके पर पैनी नजर रखने के लिए इस बार ड्रोन का इस्तेमाल किया जाएगा। गोवध और गोवंश के अवैध परिवहन पर पूर्ण प्रभावी नियंत्रण करने के लिए आवश्यक उपाय किए जाएं। यहां इस बात पर सबसे ज्यादा ध्यान रखा गया है कि खुली जगहों पर कुर्बानी और गैर मुस्लिम इलाकों से खुले रूप से मांस ले जाने पर रोक लगे। ज्यादा भीड़ वाले वाले इलाकों में खास तौर पर पैनी नजर रखने को कहा गया है। सबसे ज्यादा ध्यान अफवाहों पर रखने को कहा गया है। कई बार देखा गया है कि अफवाहों की वजह से तनाव उत्पन्न हो जाते हैं। इसी के साथ ही यूपी के डीजीपी ने पुलिस अधिकारियों को हर समय सतर्क रहने को कहा है।