नीतीश बनाम तेजस्वी, जानें बिहार विधानसभा में चाचा-भतीजे की तकरार की पूरी कहानी

0
10
नीतीश बनाम तेजस्वी, जानें बिहार विधानसभा में चाचा-भतीजे की तकरार की पूरी कहानी
नीतीश बनाम तेजस्वी, जानें बिहार विधानसभा में चाचा-भतीजे की तकरार की पूरी कहानी

बिहार की राजनीति में जेडीयू और आरजेडी की खींचतान कोई नई बात नहीं है। कभी सहयोगी रहे ये दोनों दल अब एक-दूसरे के कट्टर विरोधी बन चुके हैं। हाल के दिनों में दोनों के नेताओं के बीच तल्खी लगातार बढ़ती जा रही है। बुधवार को विधानसभा में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव के बीच एक बार फिर जुबानी जंग देखने को मिली। गठबंधन टूटने के बाद से दोनों नेताओं के रिश्ते लगातार कटु होते गए हैं, और अब सार्वजनिक मंचों पर भी यह तकरार खुलकर सामने आने लगी है। बुधवार की बहस में तो नीतीश ने तेजस्वी को ‘बच्चा’ कहकर संबोधित कर डाला।

मॉनसून सत्र में हुआ आमना-सामना

तेजस्वी यादव ने SIR यानी वोटर लिस्ट रिविजन प्रक्रिया पर सवाल खड़े किए। उन्होंने इस दौरान न केवल सरकार, बल्कि चुनाव आयोग पर भी निष्पक्षता को लेकर टिप्पणी की। इसी बीच नीतीश कुमार ने तेजस्वी को बीच में ही रोकते हुए तीखी प्रतिक्रिया दी। नीतीश ने कहा, “पहले तो सुन लीजिए… आप जो बोल रहे हैं, वह किसलिए बोल रहे हैं?” उन्होंने तेजस्वी के परिवार की राजनीतिक पृष्ठभूमि की भी चर्चा की और कहा कि जब वह छोटे थे तब उनके पिता लालू यादव और मां राबड़ी देवी दोनों मंत्री रहे। नीतीश ने बीते दो दशकों में अपने कामकाज का भी ज़िक्र किया।

चुनाव में बोलिए, यहां नहीं

नीतीश कुमार ने अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए कहा कि “ये जो आप बेवजह का शोर कर रहे हैं, उसका कोई मतलब नहीं है। चुनाव के दौरान जितना बोलना है बोलिए, यहां विधानसभा में इस तरह की बातें शोभा नहीं देतीं।” उन्होंने यह भी कहा कि महिलाओं के आरक्षण का फैसला उन्होंने ही 2006 में लागू किया था। “हमने ही महिलाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण दिया था, जब आपकी माता जी सरकार में थीं तब भी यह नहीं हुआ था,” नीतीश ने दो टूक कहा।

तेजस्वी के सवाल और जवाब


तेजस्वी यादव ने SIR को लेकर स्पष्ट किया कि उनका विरोध इस प्रक्रिया की पारदर्शिता को लेकर है, ना कि विचारधारा से। उन्होंने कहा कि 18 साल से ऊपर के सभी नागरिकों को वोट देने का अधिकार है और चुनाव आयोग को निष्पक्ष तरीके से काम करना चाहिए था, लेकिन ऐसा होता नहीं दिख रहा है।

बजट सत्र में भी हुई थी गर्म बहस

इससे पहले मार्च में बजट सत्र के दौरान भी दोनों नेताओं के बीच तीखी बहस हो चुकी है। नीतीश कुमार ने उस वक्त दावा किया था कि लालू प्रसाद यादव की राजनीति को उन्होंने आगे बढ़ाया था। इस पर तेजस्वी यादव ने पलटवार करते हुए कहा था कि नीतीश कुमार दो बार मुख्यमंत्री बने, उसमें उनकी भी अहम भूमिका रही है। तेजस्वी ने नीतीश सरकार की कार्यशैली और राजनीतिक फैसलों पर भी तीखा प्रहार किया था। बिहार की राजनीति में चाचा-भतीजे की यह रस्साकशी आने वाले विधानसभा चुनावों तक और कितनी तीव्र होगी, ये देखना दिलचस्प होगा।