पटना में आयोजित मीडिया से मुलाकात के दौरान खेसारी लाल यादव ने तेज प्रताप से लेकर रविकिशन और निरहुआ तक के आरोपों का करारा जवाब दिया। तेज प्रताप के ‘नचनिया’ वाले बयान पर खेसारी ने बात को हल्का कर दिया और कहा कि वे बड़े भाई हैं, इसलिए उनके बारे में जवाब देना जरूरी नहीं समझते।
जब रिपोर्टर ने निरहुआ के उन टिप्पणी पर प्रतिक्रिया मांगी जिसमें तुलना और तंज थे — खेसारी ने साफ कहा कि वे किसी रुतबे के कारण खुद को कम नहीं आंकते। खेसारी ने बताया कि वे गरीब परिवार से आते हैं और पढ़ाई करने का अवसर नहीं था, जबकि कुछ लोग अमीर परिवेश से हैं और बेहतर पढ़ाई कर सकते थे। उन्होंने कहा कि NDA नेताओं की भड़काऊ भाषा बर्दाश्त नहीं करेंगे और ज़रूरी हुआ तो चार दिन के भीतर कड़े शब्दों में जवाब दे देंगे, परन्तु खुद उन्होंने शालीन भाषा बनाए रखने का दावा किया।
खेसारी ने जोर देकर कहा कि उनका फोकस रोज़गार और विकास पर है — वे धर्म का विरोधी नहीं हैं और आज भी खुले मन से “जय श्री राम” बोलते हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि विपक्ष धर्म का इस्तेमाल वोट बैंक के लिए करता है, जबकि असल मुद्दे—शिक्षा, अस्पताल और रोज़गार—पीछे छूट जाते हैं। खेसारी ने यह भी कहा कि बिहार में दीर्घकालीन सरकारों के बावजूद नौजवानों की बेरोज़गारी गंभीर समस्या बनी हुई है और राजनीतिक बहसों में इस मुद्दे को अनदेखा किया जा रहा है।
अंत में उन्होंने प्रेस से अपील की कि व्यक्तिगत टारगेटिंग छोड़कर बेरोज़गारी और विकास जैसे मुद्दों पर बात करें, क्योंकि वे इसे ही अपनी प्राथमिकता मानते हैं।









