प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 25 नवंबर को अयोध्या में आयोजित राम मंदिर ध्वजारोहण समारोह में शामिल होने वाले हैं। शहर में इस विशेष अवसर को लेकर व्यापक तैयारियाँ जारी हैं। मंदिर परिसर की ओर जाने वाले सभी मार्गों को सजाया-संवारा जा रहा है और जगद्गुरु आदि शंकराचार्य गेट को विशेष रूप से फूलों से आकर्षक रूप दिया जा रहा है। अयोध्या की गलियों में रोशनी, रामधुन और भजन का माहौल भक्तिमय बना रहा है। सुरक्षा एजेंसियों ने भी पूरे क्षेत्र में कड़े प्रबंध किए हैं।
पीएम मोदी का अयोध्या में कार्यक्रम
प्रधानमंत्री पहले अयोध्या एयरपोर्ट पर उतरेंगे, जिसके बाद हेलिकॉप्टर से वे साकेत महाविद्यालय पहुंचेंगे। यहीं से उनका रोड शो शुरू होगा जो उन्हें राम मंदिर परिसर तक ले जाएगा। इस पूरे मार्ग पर रंग-रोगन, लाइटिंग और सजावट का काम तेज़ी से किया जा रहा है ताकि कार्यक्रम भव्य तरीके से सम्पन्न हो सके।
राम मंदिर ध्वज की विशेषताएँ
मंदिर के शिखर पर जो ध्वज फहराया जाएगा, वह 191 फीट की ऊंचाई पर लगाए जाने की तैयारी है। ध्वज की लंबाई 22 फीट और चौड़ाई 11 फीट है, जिसका वजन लगभग ढाई किलो बताया गया है। मंदिर का शिखर 161 फीट ऊंचा है, जिसके ऊपर ध्वज दंड स्थापित होगा। ध्वज केसरिया रंग का होगा और इस पर सूर्यवंश का प्रतीक सूर्य तथा ओंकार अंकित है। भारतीय सेना इस ध्वजारोहण के लिए लगातार रिहर्सल कर रही है।
सीएम योगी का संदेश
इस अवसर पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेशवासियों को संबोधित करते हुए एक चिट्ठी जारी की। उन्होंने लिखा कि 25 नवंबर 2025 का दिन अयोध्या के इतिहास को फिर से स्वर्णिम बनाएगा। उनके अनुसार, धर्मध्वजा की पुनर्स्थापना न केवल एक धार्मिक अनुष्ठान है, बल्कि यह नए युग की शुरुआत भी है।
योगी ने कहा कि पीएम मोदी के मार्गदर्शन में अयोध्या का विकास तीव्र गति से आगे बढ़ रहा है। अयोध्या विजन 2047 के तहत आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर, कनेक्टिविटी, पर्यटन और स्मार्ट सिटी की दिशा में किए जा रहे प्रयास अयोध्या को वैश्विक आध्यात्मिक केंद्र के रूप में स्थापित कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि करोड़ों श्रद्धालुओं के लिए अयोध्या धाम तक पहुंच पहले की तुलना में अब अधिक सुरक्षित और सरल हो गई है।
उन्होंने यह भी लिखा कि प्रभु श्रीराम की नगरी आज विश्व मानचित्र पर सांस्कृतिक राजधानी के रूप में उभर रही है, जहां परंपरा और आधुनिकता दोनों साथ-साथ आगे बढ़ रही हैं। मुख्यमंत्री ने प्रदेश में सुख, शांति और समृद्धि की कामना करते हुए रामराज्य की आदर्श भावना से एक नए उत्तर प्रदेश के निर्माण का आह्वान किया।









