थरूर की रणनीति काम आई, कोलंबिया ने पाकिस्तान के समर्थन वाला बयान लिया वापस

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थरूर की रणनीति काम आई, कोलंबिया ने पाकिस्तान के समर्थन वाला बयान लिया वापस
थरूर की रणनीति काम आई, कोलंबिया ने पाकिस्तान के समर्थन वाला बयान लिया वापस

‘ऑपरेशन सिंदूर’ की सफलता और पाकिस्तान के आतंकी नेटवर्क को वैश्विक मंच पर बेनकाब करने की भारत की रणनीति अब असर दिखाने लगी है। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारतीय सेना की जवाबी कार्रवाई ने पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों को निशाना बनाकर उन्हें तबाह किया। इस पर कोलंबिया ने आपत्ति जताई थी, लेकिन अब उसने अपना बयान औपचारिक रूप से वापस ले लिया है। भारत ने कोलंबिया के पहले रुख को अस्वीकार्य और निराशाजनक बताया था।

क्या है घटनाक्रम की पृष्ठभूमि?

पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के जवाब में भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत कार्रवाई की, जिसमें पाकिस्तानी सरहद के भीतर आतंकी अड्डों पर हमला किया गया। इस मिशन में कई बड़े आतंकवादियों के मारे जाने की खबर सामने आई थी। रिपोर्ट्स के अनुसार, हाफिज सईद के कुछ रिश्तेदार भी इस कार्रवाई में मारे गए। इसी के बाद कोलंबिया ने पाकिस्तान में हुए जानमाल के नुकसान पर संवेदना प्रकट की थी, जिससे भारत ने आपत्ति जताई।

कोलंबिया में शशि थरूर की सफल कूटनीति

भारत सरकार द्वारा भेजे गए बहुदलीय संसदीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कांग्रेस सांसद शशि थरूर कर रहे थे। इस डेलीगेशन ने कोलंबियाई अधिकारियों के साथ बातचीत में भारत की स्थिति को विस्तार से रखा। कोलंबिया की उप-विदेश मंत्री रोसा योलांडा विलाविसेनियो से हुई बातचीत के बाद कोलंबिया ने स्पष्ट किया कि उसने पूर्व बयान को वापस ले लिया है।

थरूर ने जताई संतुष्टि

थरूर ने इस फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि उप-विदेश मंत्री ने विनम्रता से स्पष्ट किया कि भारत की ओर से जताई गई चिंता को वह समझती हैं और उन्होंने विवादित बयान को वापस ले लिया है। उन्होंने इसे एक सकारात्मक संकेत बताया और कहा कि यह इस बात का प्रमाण है कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय भारत की चिंताओं को गंभीरता से ले रहा है।

कोलंबियाई उप-विदेश मंत्री का स्पष्टीकरण

बैठक के बाद उप-विदेश मंत्री रोसा योलांडा ने कहा कि भारत की ओर से जो जानकारियां और विवरण दिए गए, उससे उन्हें स्थिति की पूरी समझ मिली है। उन्होंने यह भी जोड़ा कि अब कोलंबिया इस मुद्दे पर भारत के साथ संवाद जारी रखने को तैयार है, और क्षेत्र में भारत की स्थिति को लेकर उसकी दृष्टि स्पष्ट हो चुकी है।