बिहार में विधानसभा चुनावों की उलटी गिनती शुरू हो चुकी है और सियासी दलों ने मतदाताओं को रिझाने की होड़ मचा दी है। वहीं, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एक बार फिर अपने रणनीतिक फैसलों से चर्चा में हैं। राजनीति के चाणक्य माने जाने वाले नीतीश कुमार ने मुख्यमंत्री पद की शपथ अब तक 9 बार ली है और हर चुनाव से पहले कुछ ऐसा कर जाते हैं जिससे सियासी समीकरण बदल जाते हैं। इस बार भी उन्होंने एक के बाद एक 14 अहम घोषणाएं की हैं जो चुनावी माहौल को पूरी तरह प्रभावित कर सकती हैं।
- मुफ्त बिजली का ऐलान
राज्य सरकार ने 1 अगस्त 2025 से सभी घरेलू उपभोक्ताओं को हर महीने 125 यूनिट तक मुफ्त बिजली देने की घोषणा की है। इससे करीब 1.67 करोड़ परिवारों को लाभ मिलने की उम्मीद है।
- सौर ऊर्जा पर फोकस
बिहार में अगले तीन वर्षों में 10,000 मेगावाट सौर ऊर्जा उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है। गरीबों के लिए सरकार पूरी लागत वहन करेगी, जबकि अन्य को सब्सिडी दी जाएगी।
- नौकरी देने का वादा
नीतीश सरकार ने अगले पांच वर्षों में एक करोड़ रोजगार सृजन का लक्ष्य रखा है। शिक्षकों की बहाली के चौथे चरण की प्रक्रिया भी जल्द शुरू होगी।
- बिहार युवा आयोग की स्थापना
राज्य में युवाओं को अधिक अवसर दिलाने के उद्देश्य से ‘बिहार युवा आयोग’ बनाया जाएगा जो निजी नौकरियों में स्थानीय युवाओं को प्राथमिकता दिलाने और बाहर पढ़ने वाले छात्रों के हितों की रक्षा करेगा।
- इंटर्नशिप सहायता योजना
18 से 28 साल के युवाओं को इंटर्नशिप के लिए हर महीने ₹4,000 से ₹6,000 तक की सहायता दी जाएगी। पहले साल 5,000 युवाओं को और पांच वर्षों में एक लाख युवाओं को लाभ पहुंचाने का लक्ष्य है।
- कौशल विश्वविद्यालय का वादा
भारत रत्न कर्पूरी ठाकुर के नाम पर एक नए स्किल यूनिवर्सिटी की स्थापना की घोषणा की गई है, जिसके कुलाधिपति खुद मुख्यमंत्री होंगे।
- महिलाओं को नौकरी में आरक्षण
राज्य की मूल निवासी महिलाओं को सरकारी नौकरियों में 35% आरक्षण देने की घोषणा की गई है।
- बसों में महिला यात्रियों के लिए सीटें आरक्षित
अब राज्य परिवहन की बसों में पहली चार पंक्तियों की सीटें महिला यात्रियों के लिए आरक्षित रहेंगी।
- आशा और ममता कार्यकर्ताओं का मानदेय बढ़ा
आशा कार्यकर्ताओं का वेतन ₹1,000 से बढ़ाकर ₹3,000 किया गया है, जबकि ममता कार्यकर्ताओं को अब प्रति प्रसव ₹600 की प्रोत्साहन राशि मिलेगी।
- पेंशन में भारी इजाफा
सामाजिक सुरक्षा पेंशन को ₹400 से बढ़ाकर ₹1,100 कर दिया गया है, जिससे लाखों लाभार्थियों को राहत मिलेगी।
- पत्रकारों के लिए पेंशन बढ़ोतरी
राज्य के मान्यता प्राप्त पत्रकारों की पेंशन ₹6,000 से बढ़ाकर ₹15,000 कर दी गई है।
- सफाई कर्मचारी आयोग का गठन
सफाईकर्मियों की योजनाओं की निगरानी और उनके सामाजिक उत्थान के लिए ‘सफाई कर्मचारी आयोग’ बनाया जाएगा।
- प्रवासी मजदूरों को सहायता
बिहार के प्रवासी मजदूरों को त्योहारों के दौरान घर लौटने में सरकारी मदद दी जाएगी, जिससे लाखों लोगों को राहत मिलेगी।
- मां जानकी मंदिर का पुनर्विकास
सीतामढ़ी जिले में स्थित पुनौरा धाम के मां जानकी मंदिर के विकास के लिए ₹882.87 करोड़ की योजना घोषित की गई है, जिससे पर्यटन और रोजगार दोनों को बढ़ावा मिलेगा। चुनाव से पहले इन घोषणाओं ने बिहार की राजनीति में गर्मी ला दी है। अब देखना होगा कि जनता इन वादों को कितना भरोसेमंद मानती है।