महाराष्ट्र की राजनीति में एक नया मोड़ आता दिख रहा है, जहां उद्धव ठाकरे (शिवसेना यूबीटी) खेमे के लिए बुरी खबर सामने आई है। राज्य सरकार के मंत्री उदय सामंत ने दावा किया है कि उद्धव गुट के 3 सांसद और 5 विधायक मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के संपर्क में हैं। उनके अनुसार, इन जनप्रतिनिधियों के अलावा कांग्रेस के कुछ नेता भी शिंदे के खेमे में शामिल हो सकते हैं। अगर ये दावे सच साबित होते हैं, तो यह शिवसेना (यूबीटी) और कांग्रेस के लिए एक बड़ा झटका होगा।
उदय सामंत का दावा
उदय सामंत ने अपने वीडियो संदेश में कहा कि विपक्षी खेमे के कई सांसद और विधायक एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना में आने की इच्छा जता रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि उनके पास इस संबंध में पुख्ता सबूत हैं, जिन्हें समय आने पर सार्वजनिक किया जाएगा।
इससे पहले, शिवसेना (यूबीटी) के नेता संजय राउत और कांग्रेस के विजय वडेट्टीवार ने दावा किया था कि एकनाथ शिंदे खेमे में बगावत हो सकती है। हालांकि, उदय सामंत के बयान के बाद राजनीतिक समीकरण पूरी तरह से बदलते नजर आ रहे हैं।
23 जनवरी को संभावित विभाजन का दावा
शिवसेना नेता राहुल शेवाले ने कहा है कि 23 जनवरी को महाराष्ट्र में बड़ा राजनीतिक घटनाक्रम हो सकता है। उन्होंने दावा किया कि कांग्रेस और शिवसेना (यूबीटी) के 10 से 15 विधायक एकनाथ शिंदे की अगुवाई वाली शिवसेना में शामिल होंगे। शेवाले ने इसे “बड़ा राजनीतिक भूकंप” करार दिया है।
शेवाले ने विपक्षी नेताओं संजय राउत और विजय वडेट्टीवार पर आरोप लगाते हुए कहा कि वे झूठी खबरें फैला रहे हैं कि शिंदे गुट में असंतोष है। उनका कहना है कि असली विभाजन कांग्रेस और उद्धव ठाकरे की पार्टी में होने जा रहा है।
राजनीतिक नतीजे और संभावनाएं
यदि विपक्षी दलों के विधायक शिंदे खेमे में शामिल होते हैं, तो यह महाराष्ट्र की राजनीति को नई दिशा दे सकता है। इससे शिवसेना (यूबीटी) और कांग्रेस की स्थिति कमजोर हो सकती है, वहीं शिंदे गुट को अधिक मजबूती मिल सकती है। महाराष्ट्र की जनता 23 जनवरी को बाल ठाकरे की जयंती के अवसर पर इस राजनीतिक घटनाक्रम पर विशेष नजर रखेगी, क्योंकि इस दिन बड़ी घोषणा होने की संभावना जताई जा रही है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले दिनों में महाराष्ट्र की राजनीति किस ओर करवट लेती है।