पाकिस्तान के सुर में सुर? ऑपरेशन सिंदूर के बीच महबूबा मुफ्ती ने फिर की शांति की वकालत

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पाकिस्तान के सुर में सुर? ऑपरेशन सिंदूर के बीच महबूबा मुफ्ती ने फिर की शांति की वकालत
पाकिस्तान के सुर में सुर? ऑपरेशन सिंदूर के बीच महबूबा मुफ्ती ने फिर की शांति की वकालत

भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने शांति की अपील करते हुए एक चौंकाने वाला बयान दिया है। सीमावर्ती क्षेत्रों में जारी गोलीबारी और आम नागरिकों की मौत पर गहरी चिंता जताते हुए उन्होंने कहा कि अगर स्थिति नहीं संभली तो इसके गंभीर नतीजे पूरी दुनिया को भुगतने पड़ सकते हैं।

“राजनीति से निकले हल, युद्ध नहीं”: महबूबा मुफ्ती

महबूबा मुफ्ती ने कहा कि जम्मू-कश्मीर के लोग लगातार हिंसा का शिकार हो रहे हैं। उन्होंने सवाल उठाया, “हमारे मासूम कब तक गोलियों का शिकार बनते रहेंगे? क्यों हमारे बच्चों का खून बहाया जा रहा है?” उन्होंने यह भी कहा कि युद्ध या सैन्य कार्रवाई किसी समस्या का स्थायी समाधान नहीं हो सकती और दोनों देशों के नेताओं को बातचीत के जरिए समाधान निकालना चाहिए।

न्यूक्लियर वॉर्निंग: “खुदा न खास्ता…”

पूर्व मुख्यमंत्री ने आगाह करते हुए कहा, “भारत और पाकिस्तान दोनों परमाणु शक्ति संपन्न देश हैं। अगर खुदा न खास्ता परमाणु हथियारों का इस्तेमाल हुआ, तो इसका अंजाम कोई नहीं झेल पाएगा। इसलिए अभी संयम बरतना और तनाव कम करना ज़रूरी है।”

22 अप्रैल के हमले के बाद से बिगड़ा माहौल

गौरतलब है कि 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 लोगों की जान जाने के बाद से स्थिति बेहद तनावपूर्ण हो गई है। इसके बाद भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान और पीओके में 9 स्थानों पर आतंकियों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की, जिसमें 100 से ज्यादा आतंकी मारे गए।

इस ऑपरेशन के बाद पाकिस्तान ने प्रतिक्रिया स्वरूप सीमा पर फायरिंग तेज कर दी है। सीजफायर उल्लंघन की इन घटनाओं में अब तक एक भारतीय जवान शहीद हुआ है और 16 आम नागरिकों की जान जा चुकी है।

ड्रोन और मिसाइल हमलों की कोशिशें नाकाम

पाकिस्तान ने भारत के लगभग 15 शहरों को निशाना बनाते हुए मिसाइल और ड्रोन हमले करने की कोशिश की, जिसे भारतीय एयर डिफेंस सिस्टम ने समय रहते नाकाम कर दिया। इसके बावजूद सीमावर्ती इलाकों में तनाव और डर का माहौल बना हुआ है।