दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ दिल्ली शराब घोटाले में कथित मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में केस चलाने की अनुमति केंद्रीय गृह मंत्रालय ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को दे दी है। सूत्रों के मुताबिक, मंत्रालय ने दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया पर भी मुकदमा चलाने की मंजूरी प्रदान की है। यह कदम सुप्रीम कोर्ट के उस आदेश के तहत उठाया गया है, जिसमें कहा गया था कि सार्वजनिक सेवकों पर मुकदमा चलाने के लिए संबंधित प्राधिकरण से अनुमति लेनी होगी।
ईडी ने केजरीवाल को इस मामले में मुख्य साजिशकर्ता और किंगपिन बताते हुए उनके खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी। इस चार्जशीट को चुनौती देने के लिए केजरीवाल ने दिल्ली हाई कोर्ट का रुख किया था और मांग की थी कि इसे स्वीकार करने पर रोक लगाई जाए।
मनीष सिसोदिया का नाम भी चार्जशीट में शामिल
ईडी ने मार्च 2024 में अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार किया और मई में उनके, आम आदमी पार्टी, और अन्य के खिलाफ विस्तृत चार्जशीट पेश की। इस चार्जशीट में मनीष सिसोदिया का नाम भी प्रमुख रूप से शामिल है। जांच एजेंसी का आरोप है कि दोनों नेताओं ने दिल्ली की आबकारी नीति 2021-22 में बदलाव किए, जिसके तहत कथित तौर पर 100 करोड़ रुपये की रिश्वत दी गई थी।
चुनाव से पहले आप की बढ़ी मुश्किलें
इस नए घटनाक्रम ने विधानसभा चुनाव से पहले आम आदमी पार्टी और अरविंद केजरीवाल की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। दिल्ली में 5 फरवरी को चुनाव होने वाले हैं, और बीजेपी व कांग्रेस इस मामले को लेकर लगातार आम आदमी पार्टी पर हमला कर रही हैं। पिछले साल केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट से 10 लाख रुपये के दो मुचलकों पर जमानत मिली थी, लेकिन उनके खिलाफ कई पाबंदियां लगाई गई थीं।
नई आबकारी नीति के विवाद का इतिहास
दिल्ली में नवंबर 2024 में नई आबकारी नीति लागू हुई थी, जिसके तहत शराब के ठेके निजी कंपनियों को दिए जाने की बात थी। लेकिन इस नीति को लेकर जुलाई 2022 में भारी विरोध हुआ और इसके बाद उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने सीबीआई को मामले की जांच के आदेश दिए। अब गृह मंत्रालय की अनुमति के बाद अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया के खिलाफ ईडी के केस को कानूनी रूप से आगे बढ़ाने का रास्ता साफ हो गया है। इस मामले का असर दिल्ली की राजनीति और आगामी चुनाव पर पड़ना तय है।