“रेलवे लाइन पर मकान बनाएंगे तो मुख्यमंत्री भी नहीं बचा सकती”, दिल्ली में डिमोलिशन अभियान पर CM रेखा गुप्ता का सख्त रुख

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दिल्ली में अवैध निर्माणों के खिलाफ सख्त रुख अपनाते हुए CM रेखा गुप्ता ने कहा है कि रेलवे लाइन पर बनाए गए मकानों को...
दिल्ली में अवैध निर्माणों के खिलाफ सख्त रुख अपनाते हुए CM रेखा गुप्ता ने कहा है कि रेलवे लाइन पर बनाए गए मकानों को...

दिल्ली में अवैध निर्माणों और अतिक्रमण के खिलाफ चल रहे डिमोलिशन अभियान को लेकर मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने स्पष्ट और सख्त संदेश दिया है। उन्होंने सोमवार को कहा, “रेलवे की लाइन पर जाकर आप मकान बनाएंगे तो मुख्यमंत्री इसे नहीं बचा सकती।” यह बयान उस वक्त आया जब अशोक विहार के जेलरवाला बाग और वजीरपुर क्षेत्र समेत दिल्ली के कई इलाकों में बड़े पैमाने पर सरकारी भूमि से अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की जा रही है।

“राजनीतिक रोटियां सेंकने वालों” पर CM का तंज

मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने इस मुद्दे पर राजनीतिक विरोधियों पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा, “जो लोग दुष्प्रचार करना चाहते हैं और राजनीतिक रोटियां सेंकना चाहते हैं, उन्होंने कभी शहर चलाने के बारे में नहीं सोचा। उनका केवल ध्येय चुनाव जीतना और लड़ना है, जबकि हमारा उद्देश्य राजधानी में हर वर्ग की सुविधा सुनिश्चित करना है।”

उन्होंने कहा कि अगर दिल्ली को बाढ़, प्यास, गंदगी और कूड़े के पहाड़ों से बचाना है, तो जनता को भी यह समझना होगा कि कोई भी गलत कार्य नहीं होना चाहिए। रेलवे की लाइन पर जाकर आप मकान बनाएंगे तो मुख्यमंत्री इसे नहीं बचा सकती।

कार्रवाई के पीछे सुरक्षा और व्यवस्था का मकसद

मुख्यमंत्री ने यह भी दोहराया कि यदि रेलवे ट्रैक के पास अतिक्रमण होता है और कोई हादसा हो जाता है, तो जवाबदेही तय करना कठिन होगा। उन्होंने 2 जून को हुई पिछली कार्रवाई का हवाला देते हुए कहा था कि ऐसी स्थिति में “जिम्मेदार कौन होगा?”

जेलरवाला बाग से लेकर वजीरपुर में बड़ी कार्रवाई

सोमवार सुबह विशेष कार्य बल (एसटीएफ) की एक इकाई को अशोक विहार के जेलरवाला बाग इलाके में तैनात किया गया, जहां 200 से अधिक अवैध मकानों को तोड़ा जाना था। समानांतर रूप से, वजीरपुर की रेलवे लाइन के पास भी अतिक्रमण हटाने का अभियान चलाया गया। इस दौरान सरकारी जमीन को खाली कराने के लिए खुदाई मशीनों की मदद ली गई।

सरकार का स्पष्ट संकेत: नियम तोड़ने पर मिलेगी सख्ती

मुख्यमंत्री के इस बयान के बाद यह स्पष्ट हो गया है कि दिल्ली सरकार अवैध निर्माणों और अतिक्रमण के मामले में अब कोई नरमी नहीं बरतेगी। खासकर रेल लाइन और सरकारी संपत्ति पर बने मकानों को लेकर सरकार की मंशा साफ है — नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी, चाहे वे कहीं भी हों।