किसानों को लेकर बढ़ी सियासी तकरार, शिवराज का हमला और आतिशी का जवाब

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शिवराज का हमला और आतिशी का जवाब
शिवराज का हमला और आतिशी का जवाब

केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान और दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी के बीच किसानों के मुद्दों पर सियासी घमासान छिड़ गया है। शिवराज सिंह ने एक जनवरी 2025 को आतिशी को लिखे पत्र में दिल्ली सरकार पर किसानों के हितों की अनदेखी करने का आरोप लगाया। वहीं, आतिशी ने इन आरोपों को खारिज करते हुए बीजेपी पर पलटवार किया और केंद्र सरकार की नीतियों पर सवाल उठाए।

शिवराज सिंह चौहान का पत्र

शिवराज सिंह चौहान ने अपने पत्र में लिखा कि दिल्ली सरकार ने केंद्र की किसान हितैषी योजनाओं को राज्य में लागू नहीं किया, जिससे किसान इन योजनाओं के लाभ से वंचित हो गए। उन्होंने आरोप लगाया कि आम आदमी पार्टी की सरकार ने न तो केंद्र की योजनाओं को लागू किया और न ही किसानों की समस्याओं का समाधान किया।

उन्होंने लिखा, “दिल्ली सरकार ने एकीकृत बागवानी विकास मिशन और राष्ट्रीय कृषि विकास योजना जैसी केंद्र की महत्वाकांक्षी योजनाओं को लागू नहीं किया। इसके चलते दिल्ली के किसान सूक्ष्म सिंचाई, मृदा स्वास्थ्य प्रबंधन और कृषि मशीनीकरण जैसी सुविधाओं से वंचित रह गए।” शिवराज सिंह ने यह भी कहा कि किसानों को ट्रैक्टर और हार्वेस्टर जैसे उपकरण खरीदने में भी कठिनाई हो रही है, क्योंकि इनका पंजीकरण कमर्शियल श्रेणी में किया जा रहा है।

बिजली बिल पर उठाए सवाल

शिवराज सिंह ने आरोप लगाया कि दिल्ली सरकार ने किसानों के लिए बिजली की दरें वाणिज्यिक श्रेणी में तय की हैं। उन्होंने लिखा, “सिंचाई और कृषि कार्यों के लिए सस्ती बिजली किसानों की जरूरत है, लेकिन दिल्ली सरकार ने इसके बजाय उनसे उच्च दरों पर शुल्क लिया।” इसके अलावा, उन्होंने कहा कि यमुना के किनारे बसे किसानों के सिंचाई उपकरणों के बिजली कनेक्शन काट दिए गए हैं, जिससे उनकी फसलें सूख रही हैं।

आतिशी का पलटवार

दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने शिवराज सिंह चौहान के पत्र का तीखा जवाब दिया। उन्होंने कहा, “बीजेपी का किसानों के बारे में बात करना वैसे ही है जैसे दाऊद अहिंसा पर प्रवचन दे। जितना बुरा हाल किसानों का बीजेपी के समय हुआ है, उतना पहले कभी नहीं हुआ।” आतिशी ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि बीजेपी के राज में किसानों पर गोलियां और लाठियां चलाई गईं।

उन्होंने यह भी कहा, “पंजाब में किसान आमरण अनशन पर बैठे हैं, लेकिन प्रधानमंत्री उनसे मिलने तक नहीं गए। अगर किसानों की इतनी चिंता है, तो पीएम मोदी को उनसे बात करनी चाहिए।” आतिशी ने शिवराज सिंह के आरोपों को राजनीति से प्रेरित बताया और कहा कि बीजेपी किसानों के मुद्दों पर सिर्फ राजनीति करती है।

राजनीतिक तकरार तेज

यह तकरार ऐसे समय में हो रही है जब केंद्र और राज्य सरकारों के बीच किसानों के मुद्दों पर लगातार मतभेद सामने आ रहे हैं। जहां एक ओर शिवराज सिंह चौहान ने दिल्ली सरकार को किसानों के खिलाफ बताते हुए निशाना साधा, वहीं आतिशी ने केंद्र की नीतियों और बीजेपी की कार्यशैली पर सवाल उठाए। यह देखना दिलचस्प होगा कि इस सियासी विवाद का किसानों पर क्या असर पड़ता है।