मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को उत्तर प्रदेश में 37 करोड़ पौधों के महाअभियान में भाग लेकर पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया, वहीं विपक्ष खासकर समाजवादी पार्टी पर करारा हमला बोला। उन्होंने पूर्व की सपा सरकार के समय में शुरू की गई योजनाओं में हुए घोटालों और अनियमितताओं का आंकड़ों के साथ खुलासा किया। गोरखपुर में आयोजित पौधरोपण कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने पूर्वांचल एक्सप्रेसवे और जयप्रकाश नारायण इंटरनेशनल सेंटर (जेपीएनआईसी) के संदर्भ में सीधे निशाना साधा और कहा कि जब से लूट और भ्रष्टाचार की हकीकत उजागर हो रही है, तब से ‘बबुआ’ बुरी तरह बौखला गए हैं।
मुख्यमंत्री ने चिलुआताल के किनारे “एक पेड़ मां के नाम 2.0” थीम के अंतर्गत हरिशंकरी (पीपल, बरगद, पाकड़) का पौधरोपण कर ‘पवित्र धारा वन’ की शुरुआत की। जनसभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि 2017 से पहले प्रदेश में योजनाएं लूट और घोटालों का पर्याय बन चुकी थीं।
सीएम योगी ने दावा किया कि पूर्वांचल एक्सप्रेसवे का टेंडर सपा सरकार के समय 15200 करोड़ रुपये में निकाला गया था जबकि भाजपा की सरकार ने उसकी चौड़ाई बढ़ाकर 120 मीटर की और पुनः टेंडर जारी किया तो लागत घटकर 11800 करोड़ रुपये हो गई। उन्होंने इस अंतर को भ्रष्टाचार का प्रमाण बताते हुए सवाल उठाया कि 4400 करोड़ रुपये आखिर कहां जा रहे थे?
जेपीएनआईसी का उल्लेख करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि जयप्रकाश नारायण जैसे आदर्शवादी नेता के नाम पर बना सेंटर सपा सरकार में भ्रष्टाचार का अड्डा बन गया। इसकी स्वीकृत लागत 200 करोड़ रुपये थी, लेकिन 860 करोड़ रुपये खर्च कर दिए गए और फिर भी काम अधूरा रहा। अब इसकी सीबीआई जांच चल रही है।
मुख्यमंत्री ने तंज कसते हुए कहा कि जो लोग आज सवाल उठा रहे हैं, उन्होंने अपने कार्यकाल में योजनाओं को सिर्फ लूट और परिवारवाद का जरिया बनाया। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने जहां ‘वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट’ और ‘वन डिस्ट्रिक्ट वन क्रॉप’ जैसी योजनाएं दीं, वहीं कांग्रेस, सपा और बसपा की सरकारों ने ‘वन डिस्ट्रिक्ट वन माफिया’ का शासन चलाया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले माफिया जंगल काटते थे, अवैध खनन करते थे, और गरीबों की ज़मीनों पर कब्जा करते थे। आज जीरो टॉलरेंस नीति के तहत माफिया या तो जेल में हैं या प्रदेश छोड़ चुके हैं। उन्होंने कहा कि अब यूपी की पहचान बदली है – यहां का युवा जब बाहर जाता है, तो गर्व से अपनी पहचान बताता है।
सीएम योगी ने कहा कि पौधरोपण अभियान केवल पर्यावरण बचाने का नहीं, बल्कि जलवायु संकट से निपटने का भी तरीका है। उन्होंने टेक्सास की हालिया घटना का ज़िक्र किया, जहां अचानक आई बाढ़ में कई बच्चे लापता हो गए। उन्होंने कहा कि बदलते मौसम चक्र का असर फसलों, जल स्रोतों और जीवनशैली पर भी दिख रहा है।
मुख्यमंत्री ने जानकारी दी कि वर्ष 2017 तक जहां प्रदेश में केवल 26 करोड़ पौधे लगे थे, वहीं भाजपा सरकार के कार्यकाल में अब तक 204 करोड़ से अधिक पौधे लगाए जा चुके हैं, जिनमें से 75% जीवित हैं। उन्होंने कहा कि यूपी देश का इकलौता राज्य है जहां इतनी मात्रा में पौधरोपण किया गया है।
‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान को धरती माता और अपनी जननी को सम्मान देने का अवसर बताते हुए उन्होंने सभी से पौधा लगाने की अपील की। साथ ही, उन्होंने बताया कि किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए कार्बन क्रेडिट योजना चलाई जा रही है, जिसके तहत अब तक 25 हजार किसानों को 32 लाख रुपये से अधिक का भुगतान किया जा चुका है।
चिलुआताल के सौंदर्यीकरण की बात करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इसे रामगढ़ताल की तरह पर्यटन केंद्र बनाया जाएगा।
इस अवसर पर जलशक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी के नेतृत्व में 5 लाख एकड़ भूमि पर रिकॉर्ड पौधरोपण हो चुका है, जिससे बुंदेलखंड जैसे क्षेत्र में पानी की कमी नहीं रही। वन मंत्री डॉ. अरुण सक्सेना ने कहा कि बढ़ती गर्मी का कारण कार्बन उत्सर्जन है, और उसका समाधान है – पेड़ लगाओ, पेड़ बचाओ।
सांसद रविकिशन ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अगुवाई में देश और प्रदेश में विकास के साथ पर्यावरण संरक्षण पर समान रूप से ध्यान दिया जा रहा है।
कार्यक्रम में कई अन्य गणमान्य लोग जैसे वन राज्य मंत्री डॉ. केपी मलिक, महापौर डॉ. मंगलेश श्रीवास्तव, एमएलसी डॉ. धर्मेंद्र सिंह, विधायकगण, विभागीय सचिव और अधिकारीगण उपस्थित रहे।
कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री योगी ने प्रधानमंत्री आवास और मुख्यमंत्री आवास योजना के 10 लाभार्थियों को पौधा भेंट कर अभियान से जुड़ने की अपील की।