दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले राजनीतिक गतिविधियां तेज़ हो गई हैं। इस बीच दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिखकर दिल्ली मेट्रो में छात्रों के लिए 50 प्रतिशत छूट देने की मांग की है। केजरीवाल ने यह प्रस्ताव रखा है कि मेट्रो में छूट का खर्च केंद्र और दिल्ली सरकार बराबर-बराबर वहन करें।
केजरीवाल ने पत्र में लिखा कि दिल्ली के छात्र बड़ी संख्या में अपने स्कूल और कॉलेज तक आने-जाने के लिए मेट्रो पर निर्भर हैं। उन्होंने कहा कि छात्रों को आर्थिक रूप से राहत देने के लिए यह कदम बेहद ज़रूरी है। दिल्ली मेट्रो, जोकि केंद्र और दिल्ली सरकार के बीच 50:50 भागीदारी की परियोजना है, में इस रियायत को लागू करने से छात्रों पर वित्तीय बोझ कम होगा।
पत्र के अलावा, केजरीवाल ने छात्रों के लिए दिल्ली की बसों में मुफ्त यात्रा की घोषणा करने की योजना भी बनाई है। उन्होंने कहा कि महिलाओं के लिए फ्री बस सेवा के बाद अब छात्रों को भी इस सुविधा का लाभ मिलेगा। यह कदम छात्रों की शिक्षा के प्रति सहूलियत बढ़ाने और उनके वित्तीय दबाव को कम करने के उद्देश्य से उठाया जा रहा है।
इस विषय पर प्रेस कॉन्फ्रेंस की घोषणा करते हुए केजरीवाल ने कहा, “छात्र देश का भविष्य हैं, और उनकी मदद करना हमारा कर्तव्य है। मैंने केंद्र सरकार से आग्रह किया है कि वे इस महत्वपूर्ण प्रस्ताव को जल्द मंजूरी दें।”
इसके अलावा, अरविंद केजरीवाल ने जाट समाज को केंद्र की ओबीसी सूची में शामिल करने के लिए भी प्रधानमंत्री को पत्र लिखा था। उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार ने पिछले 10 सालों से जाट समाज को ओबीसी आरक्षण के नाम पर गुमराह किया है। केजरीवाल ने कहा कि ओबीसी सूची में शामिल न होने के कारण जाट समाज के बच्चे दिल्ली यूनिवर्सिटी जैसे प्रमुख शैक्षणिक संस्थानों में दाखिला नहीं ले पाते हैं। इस तरह केजरीवाल आगामी चुनावों से पहले अपनी नीतियों और प्रस्तावों के जरिए दिल्ली के छात्रों और विभिन्न वर्गों तक अपनी पहुंच बनाने की कोशिश कर रहे हैं।