अरविंद केजरीवाल का बड़ा ऐलान, सरकार बनी तो दिल्ली के पुजारियों और ग्रंथियों को हर महीने मिलेंगे 18 हजार रुपये

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अरविंद केजरीवाल का बड़ा ऐलान
अरविंद केजरीवाल का बड़ा ऐलान

दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (AAP) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने सोमवार, 30 दिसंबर को दिल्ली के मंदिरों और गुरुद्वारों में कार्यरत पुजारियों और ग्रंथियों के लिए बड़ी घोषणा की। उन्होंने कहा कि इन धार्मिक सेवकों को हर महीने 18 हजार रुपये की सम्मान राशि दी जाएगी। यह कदम धार्मिक स्थलों पर काम करने वाले लोगों के आर्थिक कल्याण को ध्यान में रखते हुए उठाया गया है।

केजरीवाल ने इस योजना की शुरुआत की जानकारी देते हुए बताया कि रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया मंगलवार, 31 दिसंबर से शुरू हो जाएगी। मुख्यमंत्री स्वयं कनॉट प्लेस के प्रसिद्ध हनुमान मंदिर से इस योजना की औपचारिक शुरुआत करेंगे। इसके बाद, आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार अपनी-अपनी विधानसभा क्षेत्रों में रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया को आगे बढ़ाएंगे।

योजना का उद्देश्य

इस योजना का उद्देश्य दिल्ली में धार्मिक स्थलों पर सेवा करने वाले पुजारियों और ग्रंथियों को आर्थिक स्थिरता प्रदान करना है। यह निर्णय उन लोगों के योगदान को मान्यता देने के लिए लिया गया है जो धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

बीजेपी नेताओं से अपील

अरविंद केजरीवाल ने इस घोषणा के साथ भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के नेताओं से अपील की कि वे इस योजना का विरोध न करें। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार से बीजेपी ने सीएम महिला सम्मान योजना और संजीवनी योजना का विरोध किया था, वैसा इस बार न हो। यह योजना पूरी तरह से धार्मिक और सामाजिक समरसता को बढ़ावा देने के लिए बनाई गई है।

रोहिंग्या मुद्दे पर जवाब

घोषणा के दौरान, जब उनसे दिल्ली में अवैध रोहिंग्याओं की गिरफ्तारी को लेकर सवाल किया गया, तो उन्होंने जवाब दिया कि इस मामले में केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी को गिरफ्तार कर लेना चाहिए। उन्होंने दावा किया कि पुरी के पास रोहिंग्याओं के संबंध में सभी आवश्यक आंकड़े हैं। इन आंकड़ों से यह स्पष्ट हो जाएगा कि रोहिंग्याओं को कहां और किस प्रकार बसाया गया।

राजनीतिक और सामाजिक प्रतिक्रिया

इस घोषणा के बाद राजनीतिक गलियारों में हलचल तेज हो गई है। जहां एक तरफ AAP समर्थक इस कदम को सामाजिक न्याय और धार्मिक सहिष्णुता की दिशा में बड़ा कदम मान रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ विरोधी दल इसे वोट बैंक की राजनीति करार दे रहे हैं। हालांकि, इस पहल से धार्मिक संस्थानों में काम करने वाले लोगों के जीवन में आर्थिक सुधार की उम्मीद है। अरविंद केजरीवाल का यह कदम धार्मिक और सामाजिक क्षेत्र में सकारात्मक बदलाव ला सकता है। पुजारियों और ग्रंथियों को हर महीने 18 हजार रुपये की सम्मान राशि मिलने से न केवल उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार होगा, बल्कि दिल्ली सरकार के प्रति उनका विश्वास भी मजबूत होगा। यह योजना धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित रखने में अहम भूमिका निभा सकती है।