ब्राह्मणों पर टिप्पणी कर घिरे अनुराग कश्यप, केंद्रीय मंत्री सतीश दुबे ने जताई नाराजगी

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ब्राह्मणों पर टिप्पणी कर घिरे अनुराग कश्यप
ब्राह्मणों पर टिप्पणी कर घिरे अनुराग कश्यप

निर्देशक अनुराग कश्यप अपनी फिल्म ‘फुले’ को लेकर विवादों में घिर गए हैं। हाल ही में उन्होंने इंस्टाग्राम पर एक पोस्ट में ब्राह्मण समुदाय को लेकर जो टिप्पणी की, उस पर नाराजगी जताते हुए केंद्रीय कोयला एवं खान राज्य मंत्री सतीश चंद्र दुबे ने तीखा हमला बोला है। मंत्री ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट कर कहा, “अनुराग कश्यप जैसा नीच व्यक्ति सोचता है कि वह पूरे ब्राह्मण समाज के खिलाफ अभद्र भाषा बोलकर बच जाएगा? यदि उसने तत्काल माफी नहीं मांगी, तो उसे चैन से रहने नहीं दिया जाएगा। उसके नफरत फैलाने वाले बोल अब बर्दाश्त नहीं किए जाएंगे। हम अब चुप नहीं बैठेंगे।”

दरअसल, अनुराग कश्यप की सोशल मीडिया पर की गई टिप्पणी के बाद काफी बवाल मचा। उनकी फिल्म ‘फुले’ को लेकर भी कुछ वर्गों में नाराजगी देखने को मिली है, खासकर ब्राह्मण समुदाय के कुछ सदस्यों ने फिल्म के ट्रेलर पर आपत्ति जताई है।

अनुराग कश्यप ने दी सफाई और मांगी माफी

विवाद के बढ़ने के बाद अनुराग कश्यप ने इंस्टाग्राम पर एक स्टोरी के माध्यम से माफी मांगते हुए कहा कि उनकी बातों को संदर्भ से काटकर पेश किया गया, जिससे गलतफहमी और नफरत फैली। उन्होंने लिखा, “यह मेरी माफी है—मेरी पोस्ट के लिए नहीं, बल्कि उस एक पंक्ति के लिए जिसे गलत ढंग से लिया गया। कोई भी बयान इतना बड़ा नहीं कि उसकी वजह से मेरी बेटी, परिवार, दोस्तों और सहयोगियों को बलात्कार और हत्या की धमकियां मिलें। यह सब तथाकथित ‘संस्कारों’ के रक्षक कर रहे हैं।”

फिल्म ‘फुले’ को लेकर जारी विवाद

बता दें कि विवाद की शुरुआत 17 अप्रैल को हुई जब अनुराग कश्यप ने फिल्म ‘फुले’ से संबंधित एक पोस्ट साझा किया। यह फिल्म समाज सुधारक ज्योतिराव फुले और सावित्रीबाई फुले के जीवन पर आधारित है। कश्यप ने पोस्ट में सवाल उठाया था कि जातिगत मुद्दों पर आधारित फिल्मों को भारत में अक्सर विरोध और प्रतिबंधों का सामना क्यों करना पड़ता है।

इस फिल्म में प्रतीक गांधी और पत्रलेखा मुख्य भूमिकाओं में नजर आएंगे। पहले इसे बीते सप्ताह रिलीज किया जाना था, लेकिन अब इसकी नई रिलीज़ डेट 25 अप्रैल तय की गई है। 10 अप्रैल को ट्रेलर रिलीज होने के बाद से ही कुछ लोगों ने आरोप लगाया कि फिल्म में ब्राह्मणों को नकारात्मक ढंग से दिखाया गया है, जिससे विवाद गहराता चला गया।