यात्रा के दौरान पावर बैंक का इस्तेमाल अब आम हो चला है, लेकिन अगर आप फ्लाइट में सफर करने की सोच रहे हैं, तो जरा सतर्क हो जाइए। अब एयरलाइंस इस छोटे लेकिन खतरनाक डिवाइस को लेकर काफी सख्ती बरत रही हैं। पहले जहां इसे सफर का ज़रूरी साथी माना जाता था, अब वही डिवाइस सुरक्षा एजेंसियों की नजर में चिंता का कारण बन गया है।
लिथियम-आयन बैटरी बन रही खतरे की वजह
पावर बैंक में प्रयुक्त लिथियम-आयन बैटरियों की प्रवृत्ति ज़्यादा गर्म होने पर आग पकड़ने या विस्फोट करने की होती है। इसे तकनीकी भाषा में ‘थर्मल रनअवे’ कहा जाता है। उड़ान के दौरान केबिन में सीमित वेंटिलेशन और कम दबाव के चलते यह खतरा और बढ़ जाता है।
हादसे जो बदल गए नियम
कुछ हालिया घटनाओं में उड़ान के दौरान पावर बैंक से धुआं और आग लगने की खबरें सामने आई हैं, जिसके कारण कुछ विमानों को आपात स्थिति में लैंड भी कराना पड़ा। ऐसे ही मामलों ने एयरलाइंस को सख्त नियम अपनाने के लिए मजबूर कर दिया है।
IATA के दिशा-निर्देश
अंतरराष्ट्रीय विमानन संघ (IATA) ने पावर बैंकों की सुरक्षा को लेकर कुछ नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं। अब ज्यादातर एयरलाइंस केवल हैंड बैगेज में पावर बैंक ले जाने की इजाजत देती हैं, जबकि चेक-इन लगेज में इन्हें रखने पर सख्त मनाही है। Qantas, Emirates, Singapore Airlines और Cathay Pacific जैसी एयरलाइंस ने तो उड़ान के दौरान इन्हें चार्ज करने पर भी पूरी तरह से रोक लगा दी है।
कितनी बैटरी चलेगी, कितनी नहीं?
अब उड़ान में ले जा सकने वाले पावर बैंकों की क्षमता भी तय कर दी गई है। 100Wh तक के पावर बैंक को बिना किसी अनुमति के हैंड बैग में रखा जा सकता है। जबकि 100Wh से 160Wh तक के लिए विशेष अनुमति लेनी होगी। 160Wh से अधिक क्षमता वाले पावर बैंकों पर पूरी तरह प्रतिबंध है। यदि बैटरी की क्षमता स्पष्ट रूप से अंकित नहीं है, तो सुरक्षा जांच में उसे जब्त किया जा सकता है।
उड़ान से पहले रखें तैयारी पूरी
फ्लाइट में चार्जिंग की जरूरत से बचने के लिए बेहतर होगा कि आप अपनी डिवाइस को पहले से चार्ज करके चलें या एयरपोर्ट के चार्जिंग पॉइंट्स का इस्तेमाल करें। ऐसा करके न सिर्फ आप नियमों का पालन करेंगे बल्कि संभावित खतरों से भी बच सकेंगे। यात्रा से पहले एयरलाइंस की गाइडलाइंस पढ़ना और उनका पालन करना न भूलें, क्योंकि छोटी सी लापरवाही से बड़ा हादसा हो सकता है।