कहानी शापित गुड़िया की… जिस पर बनी हैं कई फिल्में; डर का ऐसा आतंक जिसे जानकर कांप उठेगी रूह

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कहानी शापित गुड़िया की...
कहानी शापित गुड़िया की...

हॉलीवुड की चर्चित फ़िल्म ‘द कॉन्ज्यूरिंग यूनिवर्स’ की सारी फिल्में देखी हैं तो आपको पता होगा कि उनमें से एक दो फिल्मों में ‘एनाबेल डॉल’ का ज्रिक है। डरावनी फिल्मों में दिलचस्पी लेने वाले लोगों के लिए ये फ़िल्म सीरीज़ काफी रोमांचक है। आपको ये जानकर हैरानी होगी ये गुड़िया रियल लाइफ में मौजूद है और इसको ‘शापित गुड़िया’ कहा जाता है। अब ये बात कितनी सच है या फिर वो फिल्में सच है या नहीं ये तो नहीं पता, लेकिन हां, आज हम आपको इस शापित गुड़िया की सच्ची कहानी बताने जा रहे हैं। जानते हैं शापित गुड़िया की असली कहानी?

‘एनाबेल’ की कहानी किसी राइटर के दिमाग की उपज नहीं है। फिल्म में जिस गुड़िया का इस्तेमाल किया गया वह असल घटना से जुड़ी गुड़िया जैसी बिलकुल नहीं दिखती। कहानी को दिलचस्प बनाने के लिए नई गुड़िया तैयार करवाई गई।

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बात है 1970 की, अमेरिका में एक मां ने अपनी बेटी डॉना के लिए दुकान से गुड़िया खरीदी। यह डॉल कार्टून कैरेक्टर रैगेडी ऐन की तरह ही दिखती थी।डॉना नर्सिंग की पढ़ाई कर रही थी और दोस्त एंजी के साथ रहती थी। जब मां ने उसे बर्थडे गिफ्ट में यह क्यूट सी दिखने वाली गुड़िया दी तो वह बहुत खुश हुई। लेकिन उसकी खुशी थोड़े ही दिनों में कनफ्यूजन और फिर देखते ही देखते खौफ में बदल गई।

शरुआती दिनों में गुड़िया नॉर्मल सी थी। फिर उसने हाथ हिलाने शुरू किये। लड़कियां इसे रात को कुर्सी पर रखती थीं, सुबह वह जमीन पर दिखती थी। डॉना और एंजी को लगा शायद डॉल खुद गिर गई होगी। थोड़े दिन बाद लड़कियों ने अजीब चीजें महसूस कीं। गुड़िया को रखती तो थीं डॉना के कमरे में, लेकिन वह मिलती थी एंजी के रूम में। डॉना और एंजी का एक दोस्त भी था लू। वह जब भी गुड़िया को देखता था, नर्वस हो जाता था। कई बार उसने बताया कि यह गुड़िया भूतिया है। लेकिन लड़कियां उसकी बात हंसी में उड़ा देती थीं। एक दिन जब डॉना घर लौटी तो उसने देखा कि गुड़िया के हाथ और छाती पर खून लगे हुए थे। वह समझ नहीं पाई कि ऐसा कैसे हुआ। उसने फौरन भूतों से बात करने वाले एक विशेषज्ञ को बुलाया।

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उस शख्स ने बताया कि इसी बिल्डिंग के पास एक सात साल की बच्ची एनाबेल हाइगिन की मौत हो गई थी। भूतों से बात करने का दावा करने वाले इस विशेषज्ञ ने बताया कि एनाबेल की आत्मा को यह गुड़िया पसंद है और वह डॉना, एंजी के साथ रहना चाहती है। लड़कियों को उस मासूम बच्ची की बातों पर भरोसा हो गया। उन्होंने फैसला किया वह डॉल को अपने पास ही रखेंगी और एनाबेल की आत्मा को खुद से दूर नहीं करेंगी।

लेकिन कुछ ही दिनों में उन्हें यकीन हो गया कि गुड़िया और एनाबेल की आत्मा को अपने पास रखकर उन्होंने कितनी बड़ी गलती कर दी थी। एक दिन लू को महसूस हुआ कि उसके पांव पर कुछ रेंग रहा है और कोई नुखीले नाखूनों से उस पर हमला कर रहा है। वह जाग गया। उसने जो भी देखा वह महज एक सपना था। दूसरे दिन घर पर सिर्फ लू और एंजी ही थे, डॉना कहीं बाहर गई थी। अचानक दूसरे कमरे से डॉना की चीखने की आवाज आने लगी। लू ने कमरे में झांका तो कोई नहीं दिखा। जैसे ही वह रूम के अंदर गया उसे महसूस हुआ कि उसके पीछे कोई खड़ा है। फिर उसने महसूस किया कि कोई उसके पैरों पर धीरे-धीरे चढ़ रहा है और नुखीले नाखूनों से पांव खरोंच रहा है। गुड़िया उसे घूर रही थी। लू फौरन कमरे से भाग गया। जो सपना उसने देखा, ठीक वैसा ही असल में उसके साथ हुआ। लेकिन दो ही दिनों में निशान अपने-आप गायब हो गए। तीनों दोस्तों ने पैरानॉर्मल एक्सपर्ट एड ऑर लौरेन वॉरेन की मदद ली।

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वॉरेन दंपति ने गुड़िया को गौर से देखा औैर बताया कि गुड़िया में किसी आत्मा का वास नहीं है बल्कि किसी बेहद शक्तिशाली आत्मा ने इस पर कब्जा कर रखा है। वॉरेन उसे अपने साथ लेकर चले गए। रास्ते में उनकी गाड़ी अनियंत्रित होने लगी। तब उन्होंने कार की पिछली सीट पर बैठी गुड़िया पर पवित्र जल छिड़का, जिसके बाद गाड़ी ठीक से चलने लगी। वॉरेन दंपति ने इस शापित गुड़िया को अपने म्यूजियम में रख दिया। इसके बाद वॉरेन दंपति ने इस शापित गुड़िया को एक शीशे की अलमारी में लॉक कर दिया और लोगों से इससे दूर रहने को कहा।