साल 2025 की शुरुआत से ही देश ने कई दर्दनाक हादसों का सामना किया है। अहमदाबाद में हुए हालिया विमान हादसे में 265 लोगों की जान जाने के बाद एक बार फिर पूरे देश में शोक की लहर दौड़ गई है। यह हादसा महज एक अकेली त्रासदी नहीं है। पिछले छह महीनों के भीतर देश में कई ऐसी घटनाएं घटीं, जिन्होंने न सिर्फ सैकड़ों परिवारों को उजाड़ दिया बल्कि पूरे भारत को गहरे सदमे में डाल दिया। आइए नजर डालते हैं उन 5 बड़े हादसों पर जो इस साल की सबसे दुखद घटनाओं में शामिल हो चुके हैं।
- अहमदाबाद प्लेन हादसा (12 जून 2025)
एयर इंडिया की लंदन जाने वाली फ्लाइट टेक-ऑफ के कुछ ही पलों बाद क्रैश हो गई। विमान एक रिहायशी इमारत से टकरा गया जिससे विमान में सवार 242 में से 241 लोगों की मौत हो गई और 24 अन्य लोग भी उस इमारत में मारे गए। इस दुर्घटना में गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी और बॉलीवुड अभिनेता संजय कपूर भी शामिल थे। कुल 265 जानें इस एक दुर्घटना में चली गईं, जो भारत के विमानन इतिहास में सबसे भयावह हादसों में गिना जा रहा है।
- प्रयागराज महाकुंभ भगदड़ (28-29 जनवरी 2025)
मौनी अमावस्या के मौके पर संगम तट पर उमड़ी भीड़ के दौरान भगदड़ मच गई। घटना रात करीब 1:30 बजे हुई जब बैरिकेड टूट गया और अफरातफरी का माहौल बन गया। स्नान के लिए आगे बढ़ने की होड़ ने हालात बिगाड़ दिए। सरकारी आंकड़ों के अनुसार 37 लोगों की मौत हुई और 60 से अधिक लोग गंभीर रूप से घायल हुए।
- पहलगाम टूरिस्ट अटैक (अप्रैल 2025)
जम्मू-कश्मीर के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल पहलगाम की बैसरन घाटी में आतंकी हमला हुआ। छुट्टियां मना रहे पर्यटकों को निशाना बनाया गया। हमले में 26 लोगों की जान चली गई जिनमें कर्नाटक, ओडिशा और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों के पर्यटक शामिल थे। हमला बेहद सुनियोजित तरीके से किया गया और इसमें आम नागरिकों को जानबूझकर टारगेट किया गया।
- दिल्ली रेलवे स्टेशन भगदड़ (15 फरवरी 2025)
नई दिल्ली स्टेशन पर रात के समय प्लेटफॉर्म 14 और 15 पर भारी भीड़ इकट्ठा हो गई थी। प्रयागराज के लिए विशेष ट्रेन की अफवाह और प्लेटफॉर्म बदलने की खबरों के बीच भगदड़ मच गई। इस घटना में 18 लोगों की मौत हुई, जिनमें महिलाएं और बच्चे भी शामिल थे। 25 से अधिक लोग घायल हुए। भीड़ को संभालने के लिए सुरक्षाबल मौजूद नहीं थे, जिससे हालात और बिगड़ गए।
- बेंगलुरु स्टेडियम भगदड़ (मार्च 2025)
आरसीबी के आईपीएल जीतने के बाद चिन्नास्वामी स्टेडियम में विजय जश्न का आयोजन हुआ था। लेकिन आयोजन स्थल पर भीड़ ने नियंत्रण खो दिया। स्टेडियम की क्षमता 35,000 की थी, लेकिन लाखों लोग पहुंच गए थे। गेट बंद होने के कारण भीड़ ने जबरन प्रवेश की कोशिश की और भगदड़ मच गई। इस घटना में 11 लोगों की जान गई।
इन पांच घटनाओं ने न सिर्फ जन-जीवन को झकझोर दिया है बल्कि सिस्टम की तैयारियों और प्रबंधन पर भी सवाल खड़े किए हैं। चाहे प्राकृतिक हो या मानवीय चूक, हर हादसे ने ये साफ कर दिया कि सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत करने की जरूरत है।