CRICKET RULES: क्रिकेट को भले ही दुनिया भर में ‘जेंटलमैन गेम’ कहा जाता है, लेकिन यह खेल केवल बल्ले और गेंद तक ही सीमित नहीं है। इसके कई ऐसे नियम भी हैं, जो अक्सर फैंस को चौंका देते हैं। कभी ये नियम मैच का पूरा नतीजा पलट देते हैं, तो कभी बड़े विवादों की वजह बन जाते हैं।
हाल ही में टी20 एशिया कप 2025 में बांग्लादेश और श्रीलंका के बीच खेले गए मैच में ऐसा ही एक अजीबो-गरीब नजारा देखने को मिला। दुबई इंटरनेशनल स्टेडियम में हुए इस मुकाबले में श्रीलंका ने बांग्लादेश को आसानी से हरा दिया, लेकिन पूरे मैच में सबसे ज्यादा सुर्खियां बटोरीं एक ऐसे नियम ने, जिसने खुद गेंदबाज को भी हैरान कर दिया।
कैसे हुआ वाकया?
श्रीलंका के स्पिनर वानिंदु हसरंगा पारी का 10वां ओवर डाल रहे थे। उनकी तीसरी गेंद सीधी बांग्लादेशी बल्लेबाज जेकर अली के स्टंप्स से टकराई। टकराते ही बेल्स पर लगी लाइट्स जल उठीं और ऐसा लगा कि बल्लेबाज क्लीन बोल्ड हो गया। लेकिन सभी को चौंकाते हुए बेल्स अपनी जगह से गिरी नहीं। दरअसल, नियम के मुताबिक, बेल्स का पूरी तरह गिरना जरूरी होता है, सिर्फ लाइट जलने से बल्लेबाज आउट नहीं माना जाता। इसी वजह से अंपायर ने बल्लेबाज को नॉट आउट करार दिया। बल्लेबाज के लक को देखकर हसरंगा हैरानी में पड़ गए।
हालांकि इस घटना ने मैच का रुख नहीं बदला। बांग्लादेश की टीम पहले बल्लेबाजी करते हुए केवल 139 रन बना सकी। जवाब में श्रीलंका ने पथुम निसंका की दमदार पारी की बदौलत यह लक्ष्य आसानी से हासिल कर लिया।
मांकड से लेकर टाइम्ड आउट तक – आउट के अनोखे तरीके
गेंदबाज छोर से रन आउट: क्रिकेट में सबसे ज्यादा विवादित नियमों में से एक है मांकड (Mankad)। इसमें गेंदबाज नॉन-स्ट्राइकर को तब आउट कर सकता है जब वह गेंद डिलीवर होने से पहले क्रीज छोड़ दे। इसे अब “रन आउट एट द बॉलर एंड” कहा जाता है।
हैट्रिक: इतना ही नहीं, हैट्रिक का मज़ा भी सिर्फ एक ही इन्निंग्स तक सीमित नहीं है। कोई गेंदबाज अपनी हैट्रिक को अलग-अलग इन्निंग्स में भी पूरा कर सकता है।
टाइम्ड आउट : वहीं नया नियम कहता है कि बल्लेबाज को अब आउट होने के बाद 2 मिनट के भीतर क्रीज पर पहुंचना होगा। अगर वह देर करता है तो उसे “टाइम्ड आउट” दिया जा सकता है। और हां, याद रखिए – बिना अपील के कोई आउट नहीं होता। चाहे बल्लेबाज क्लीन बोल्ड ही क्यों न हो, अगर फील्डिंग टीम अपील न करे तो अंपायर आउट नहीं दे सकते।
बेल्स की लाइट्स जले लेकिन ना गिरे तो नॉट आउट :क्रिकेट में एक और चौंकाने वाली बात है – स्टंप्स पर गेंद लगने के बाद भी बेल्स न गिरें तो बल्लेबाज नॉट आउट रहता है। इसके अलावा बल्लेबाज जानबूझकर गेंद को दो बार नहीं मार सकता, सिवाय इसके कि वह स्टंप्स बचाने की कोशिश कर रहा हो।
स्पाइडरकैम से गेंद टकराना: अगर गेंद स्टेडियम की छत या स्पाइडरकैम से टकरा जाए? सीधा जवाब है – वह गेंद डेड बॉल मान ली जाएगी। यानी कि स्पाइडरकैमेरा में गेंद लगने के बाद अगर कैच पकड़ा जाता है तो वो कैच मान्य नहीं होगा, सामान रूप से अगर छक्का या बाउंड्री लग जाए तो वो भी मान्य नहीं है।
फील्डिंग में भी कई पेचीदा नियम
फील्डर या विकेटकीपर हेलमेट: फील्डिंग में भी कई नियम ऐसे हैं, जो मैच का रुख पलट सकते हैं। उदाहरण के लिए, अगर कैच लेने से पहले गेंद फील्डर के हेलमेट या कपड़े से टच हो जाए तो वह कैच मान्य नहीं होगा।
पेनल्टी रन: विकेटकीपर का हेलमेट भी इस लिस्ट में शामिल है। अगर विकेटकीपर ने हेलमेट जमीन पर रख दिया और गेंद उससे टकरा गई तो बल्लेबाजी टीम को सीधे 5 पेनल्टी रन मिलेंगे।
सेफ्टी पैड का इस्तेमाल: इसके अलावा बल्लेबाज जानबूझकर पैड से गेंद को रोककर फायदा नहीं उठा सकता। ऐसा करने पर रन नहीं दिए जाएंगे।
और भी हैं गजब के नियम !
अंपायर की अनुमति: मैदान से बाहर जाने वाले फील्डर को दोबारा एंट्री करने से पहले अंपायर की अनुमति लेनी होती है। अगर वह सीधे आकर खेल में शामिल हो गया तो उसे पेनल्टी झेलनी पड़ सकती है।
फेक फील्डिंग: सबसे दिलचस्प है फेक फील्डिंग का नियम। यानी फील्डर बल्लेबाज को धोखा देने के लिए नकली थ्रो या कैच का नाटक नहीं कर सकता। ऐसा करने पर विपक्षी टीम को पेनल्टी रन मिल सकते हैं।
क्रिकेट के ये नियम भले ही अजीब लगें, लेकिन इन्हीं वजहों से यह खेल इतना रोमांचक और अनपेक्षित बन जाता है। अगली बार जब आप मैच देखें, तो ध्यान से गौर कीजिएगा – कहीं कोई फील्डर नकली थ्रो तो नहीं कर रहा या बल्लेबाज समय पर क्रीज पर पहुंच रहा है या नहीं।