ब्रेस्ट कैंसर का खतरा लगातार बढ़ रहा है, लेकिन समय रहते लक्षणों की पहचान करने पर इस बीमारी से बचाव और इलाज दोनों आसान हो जाते हैं। हाल के वर्षों में मामलों में तेजी आई है, हालांकि शुरुआती जांच और जागरूकता के चलते बड़ी संख्या में मरीजों की जान बचाई जा रही है। यह बीमारी तब शुरू होती है जब ब्रेस्ट टिश्यू की कोशिकाएं असामान्य तरीके से बढ़ने लगती हैं। मेयो क्लीनिक की रिपोर्ट बताती है कि यह कैंसर सिर्फ महिलाओं में ही नहीं बल्कि पुरुषों में भी हो सकता है। जितनी जल्दी इसका पता चल जाए, उतनी ही अधिक रिकवरी की संभावना रहती है। अच्छी बात यह है कि ब्रेस्ट में होने वाले बदलावों और साइज पर ध्यान देकर इसे खुद भी पहचाना जा सकता है। आइए जानते हैं कि ब्रेस्ट कैंसर का शुरुआती संकेत क्या होता है।
ब्रेस्ट कैंसर का शुरुआती संकेत
अमेरिकन कैंसर सोसाइटी के अनुसार ब्रेस्ट कैंसर का पहला और सबसे आम लक्षण नई गांठ (लम्प) या मास का महसूस होना है। हालांकि सभी गांठें कैंसरस नहीं होतीं। यदि कोई गांठ सख्त हो, उसके किनारे असमान हों और दर्द न हो, तो वह कैंसर का संकेत हो सकता है। वहीं, कई बार कैंसर सॉफ्ट, गोल या दर्दनाक गांठ की तरह भी नजर आ सकता है।
अन्य लक्षण जिन पर ध्यान दें
- अगर ब्रेस्ट के आसपास सूजन आ रही है, भले ही लम्प न हो।
- ब्रेस्ट पर डिंपल जैसा निशान या त्वचा का अंदर की ओर खिंचना।
- ब्रेस्ट को छूने पर दर्द महसूस होना।
- ब्रेस्ट के साइज या शेप में बदलाव।
- ब्रेस्ट की त्वचा का लाल होना, बहुत सूखी, परतदार या मोटी होना।
- किसी तरह का असामान्य डिस्चार्ज निकलना।
- बगल (अंडर आर्म) में दर्द या सूजन।
- कॉलर बोन के पास सूजन या दर्द।
- किसी भी तरह का बदलाव जो सामान्य न लगे।
- खुद से जांच क्यों जरूरी है
डॉक्टर मानते हैं कि समय-समय पर सेल्फ एग्जामिनेशन बेहद जरूरी है। ब्रेस्ट को दबाकर बदलावों को महसूस करना शुरुआती पहचान में मदद करता है।
ध्यान रखें: अगर इनमें से कोई भी लक्षण दिखे तो बिना देर किए डॉक्टर से संपर्क करें।
Disclaimer: (यह जानकारी केवल सामान्य जागरूकता के लिए है। किसी भी तरह का इलाज शुरू करने, डाइट बदलने या स्वास्थ्य संबंधी कदम उठाने से पहले डॉक्टर से परामर्श जरूर लें।)