नीम करोली बाबा आश्रम जाने का बना रहे हैं प्लान? यहां जानिए कैसे पहुंचे, कब जाएं और क्यों है इतनी आस्था

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नीम करोली बाबा आश्रम जाने का बना रहे हैं प्लान?
नीम करोली बाबा आश्रम जाने का बना रहे हैं प्लान?

उत्तराखंड के नैनीताल ज़िले में स्थित नीम करोली बाबा के आश्रम, जिसे कैंची धाम के नाम से भी जाना जाता है, आज दुनियाभर में श्रद्धा का केंद्र बन चुका है। यह वही स्थान है जहां विराट कोहली, फेसबुक के मार्क जुकरबर्ग और एप्पल के संस्थापक स्टीव जॉब्स जैसे बड़े नाम भी दर्शन के लिए आ चुके हैं। हर साल हज़ारों भक्त यहां पहुंचते हैं, और कई बार तो पार्किंग तक की जगह ढूंढना मुश्किल हो जाता है।

सबसे अच्छा समय कब है?

कैंची धाम की यात्रा का सबसे उपयुक्त समय मई से जून के बीच होता है। यह आश्रम भवाली से 9 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यहां का मौसम साल भर सुहावना बना रहता है, जिससे गर्मियों में भी यहां आना सुखद अनुभव होता है। खासकर 15 जून को यहां विशाल मेला और भंडारा लगता है, जब देशभर से श्रद्धालु पहुंचते हैं।

धार्मिक दृष्टि से देखा जाए तो मंगलवार को यहां दर्शन करना विशेष फलदायी माना जाता है। हालांकि, किसी भी दिन दर्शन किए जा सकते हैं। सुबह 7 बजे की आरती में शामिल होना एक दिव्य अनुभव होता है, इसलिए अधिकतर भक्त रात में पहुंचकर सुबह की आरती में भाग लेते हैं।

दिल्ली से कैसे पहुंचें कैंची धाम?

अगर आप दिल्ली से यात्रा कर रहे हैं तो आपके पास कई विकल्प हैं:

  • ट्रेन: दिल्ली से काठगोदाम एक्सप्रेस लें जो आपको हल्द्वानी या काठगोदाम तक पहुंचा देगी। वहां से टैक्सी के माध्यम से आश्रम तक पहुंचा जा सकता है।
  • बस: हल्द्वानी तक सीधी बसें उपलब्ध हैं, फिर वहां से टैक्सी लेकर कैंची धाम जाएं।
  • प्राइवेट वाहन: अगर आप खुद की गाड़ी से जाना चाहें तो सीधा कैंची धाम तक आसानी से पहुंच सकते हैं।
  • वहां पहुंचकर आप किसी स्थानीय होटल में रुक सकते हैं और सुबह की आरती से पहले नहा-धोकर मंदिर पहुंच सकते हैं।

क्या है कैंची धाम की विशेषता?

मान्यता है कि नीम करोली बाबा का यह धाम एक इच्छा पूर्ण करने वाला स्थान है। भक्तों का मानना है कि यहां मांगी गई हर सच्ची मनोकामना बाबा की कृपा से पूरी होती है। जब मुरादें पूरी हो जाती हैं, तो श्रद्धालु चना चढ़ाकर धन्यवाद अर्पित करते हैं — जो बाद में प्रसाद के रूप में वितरित होता है।

नीम करोली बाबा कौन थे?

बाबा नीम करोली, जिनका जन्म उत्तर प्रदेश में हुआ था, हनुमान जी के परम भक्त माने जाते हैं। उन्हें उनके अनुयायी हनुमान जी का अवतार भी मानते हैं। मात्र 17 साल की उम्र में उन्हें आत्मज्ञान की प्राप्ति हो गई थी और उन्होंने गृहस्थ जीवन त्यागकर आध्यात्मिक मार्ग पर चलना शुरू कर दिया। कैंची धाम वही स्थान है जहां उन्होंने अपना प्रमुख आश्रम स्थापित किया था। उनके जीवन से जुड़े कई अलौकिक चमत्कारों की कहानियां आज भी भक्तों की आस्था का केंद्र हैं।

Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। यहां यह बताना जरूरी है कि APN NEWS किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है। किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें।