
Reels Addiction: टीवी पर मूवी देखना, सीरियल देखना या फिर रेडियो पर गाने सुनने की बात हो, ये सब पुराने जमाने की बात हो गई है। अब जमाना रील्स का हो गया है। आज के जमाने में बच्चे, बूढ़े और युवा हर कोई रील्स देखने में व्यस्त है। रील्स देखने में भी ऐसे वैसे व्यस्त नहीं बल्कि पूरी तरह से व्यस्त है जैसे सोते-उठते, खाते-पीते, सफर करते हर वक्त सिर्फ रील्स का खुमार छाया रहता है। इंस्टाग्राम और यूट्यूब जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म स्क्रॉल करते-करते आपके घंटो बीत जाते हैं और आपको पता भी नहीं लगता है। फिर आपको लगता है कि अभी तो बस कुछ ही देर हुआ है थोड़ी देर और देख लेते हैं।
कई बार समय हाथ से भी निकल जाता है लेकिन रील्स की खुमारी है कि उतारने का नाम नहीं लेती है। आप हम और न जाने कितने युवा रील्स एडिक्शन के शिकार हो चुके हैं। ये एक तरह की अब बीमारी के रूप में उभरने लगी है। चलिए आपको बताते हैं कि आखिर ये रील्स होती क्या है और कैसे ये आपको शारीरिक और मानसिक रूप से नुकसान पहुंचा रहा है।
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Reels Addiction:क्या है रील्स?
रील्स एक तरह का इंस्टाग्राम पर शॉर्ट वीडियो होता है। शुरू-शुरू में ये रील्स 30 सेकंड का हुआ करता था लेकिन अब इसे बढ़ाकर 90 सेकंड कर दिया हैं। ये रील्स का चलन तब से शुरू हुआ जब भारत में टिकटॉक बंद हुआ। इसके बंद होते ही इंस्टाग्राम पर लोग वीडियो डालने लगे। रील्स में कई तरह की वीडियो होती है जैसे, इंफॉर्मेशनल, फनी, मोटिवेशनल, डांस, वगैरा वगैरा… इसमें कोई दो राय नहीं है कि रील्स क्रिएटिविटी से भरी होती है जो लोगों को देखने के लिए बार बार प्रेरित करती है। इंस्टाग्राम पर आपको सेलिब्रिटी से लेकर आम लोगों के रील्स देखने को मिल जाएंगे।
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Reels Addiction: रील्स देखने से होता है तनाव
रील्स देखने के चलते लोग समय का दुरुपयोग कर रहे हैं। घंटो वक्त निकल जाता है लोगों को पता ही नहीं चलता है। ऐसे में लोगों को काम का नुकसान हो रहा है। वहीं, इसकी वजह से मानसिक तौर पर लोग बीमार हो रहे हैं। लोगों में डिप्रेशन की समस्या देखने को मिल रही है। कई बार रील्स देखकर खुद में खामी ढूंढने लगते हैं। अपने आप को सामने वाले से कंपेयर करने लगते हैं। इतना ही नहीं, खुद को सामने वाले जैसा बनाने की कोशिश करने लगते हैं। इसके अलावा लोग खुद भी रील्स बनाना चाहते हैं और जब उनका रील्स वायरल नहीं होता या व्यूज नहीं मिलता है तो उन्हें गुस्सा और चिड़चिड़ापन महसूस होने लगता है और ये धीरे-धीरे तनाव डिप्रेशन में बदल जाता है। इससे एकाग्रता में कमी सामाजिक रूप से कट जाना मूड स्विंग जैसी समस्या देखने मिल रही है।
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अगर बच्चे रील्स देख रहे हैं तो इससे उनकी पढ़ाई को नुकसान होता है। रील्स के एडिक्शन के चलते बच्चे पढ़ाई पर फोकस नहीं कर पाते हैं। देर रात रील्स देखने के चक्कर में स्लीपिंग पैटर्न डिस्टर्ब हो जाता है और दूसरे दिन स्कूल जाने में आफत आती है। नींद नहीं पूरी होने की वजह से स्ट्रेस होने लगता है। वहीं, स्क्रीन पर ज्यादा समय बिताने से आंखें कमजोर होने लगती है इसके अलावा रील्स के चलते फिजिकल एक्टिविटी भी कम हो जाती है और लोग मोटापे का शिकार हो जाते हैं।
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