अगर आप कभी उत्तराखंड या हिमाचल की पहाड़ियों में घूमने गए हैं, तो वहां के स्थानीय व्यंजनों में आलू के गुटके का नाम जरूर सुना होगा। यह व्यंजन इतना लोकप्रिय है कि हर पहाड़ी घर में इसका अलग स्वाद और तरीका देखने को मिलता है। मसालों की खुशबू और सरसों के तेल की झनक से तैयार यह डिश न केवल खाने वालों का दिल जीत लेती है, बल्कि हर बाइट में पहाड़ का जायका महसूस कराती है। आइए जानते हैं, इस पारंपरिक और लाजवाब रेसिपी को बनाने का तरीका और इसके पीछे की कुछ रोचक बातें।
पहाड़ी आलू के गुटके क्या हैं?
आलू के गुटके उत्तराखंड की एक पारंपरिक डिश है, जिसे उबले आलू को मसालों में भूनकर बनाया जाता है। इसे खासतौर पर भात (चावल) या काफल जैसे स्थानीय व्यंजनों के साथ खाया जाता है। यह व्यंजन खासतौर पर कुमाऊं और गढ़वाल क्षेत्रों में बेहद प्रसिद्ध है। गुटके में मसालों की ऐसी खनक होती है कि इसकी खुशबू रसोई से निकलकर पूरे घर में फैल जाती है।
आलू के गुटके बनाने के लिए आवश्यक सामग्री
मुख्य सामग्री:
- आलू – 4 से 5 (मध्यम आकार के, उबले हुए)
- सरसों का तेल – 2 से 3 टेबलस्पून
- राई के दाने – 1 टीस्पून
- सूखी लाल मिर्च – 2 से 3
- हींग – एक चुटकी
- हल्दी पाउडर – ½ टीस्पून
- लाल मिर्च पाउडर – 1 टीस्पून
- धनिया पाउडर – 1 टीस्पून
- नमक – स्वादानुसार
- नींबू का रस – 1 टीस्पून
- हरा धनिया – बारीक कटा हुआ
बनाने की विधि
- आलू को तैयार करें:
सबसे पहले आलू को उबालकर ठंडा होने दें। छिलका उतारकर इन्हें मध्यम आकार के टुकड़ों में काट लें। ध्यान रखें कि आलू बहुत ज्यादा न मसलें, वरना गुटके का स्वाद और टेक्सचर बिगड़ जाएगा।
- तड़का तैयार करें:
एक कढ़ाही या लोहे की कड़ाही लें और उसमें सरसों का तेल डालकर धुआं निकलने तक गर्म करें। इससे तेल का कड़वापन खत्म हो जाता है और एक तीखा, असली पहाड़ी फ्लेवर मिलता है।
अब इसमें राई डालें। जैसे ही राई चटकने लगे, उसमें सूखी लाल मिर्च और एक चुटकी हींग डालें। ये तड़का ही इस डिश की आत्मा है।
- मसाले डालें:
अब गैस की आंच थोड़ी कम करें और हल्दी, लाल मिर्च पाउडर और धनिया पाउडर डालें। मसालों को कुछ सेकंड के लिए भूनें ताकि उनका कच्चापन निकल जाए। ध्यान रखें कि मसाले जलें नहीं।
- आलू मिलाएं:
अब कटे हुए आलू डालें और मध्यम आंच पर 5 से 7 मिनट तक चलाते रहें। आलू पर मसाले अच्छी तरह से कोट हो जाने चाहिए। जब आलू हल्के सुनहरे और कुरकुरे लगने लगें, तो गैस बंद कर दें।
- अंतिम टच:
आलू के गुटके तैयार होने के बाद उस पर नींबू का रस छिड़कें और ऊपर से हरा धनिया डालें। इससे डिश में ताजगी और हल्का खट्टापन आ जाता है, जो इसके स्वाद को दोगुना कर देता है।
स्वाद बढ़ाने के छोटे टिप्स
- अगर आप इसे और मसालेदार बनाना चाहते हैं तो थोड़ा भुना जीरा पाउडर और काली मिर्च डाल सकते हैं।
- लोहे की कड़ाही में बनाने से इसमें एक देसी धुआंदार फ्लेवर आता है।
- इसे भात, रोटी, या कढ़ी के साथ परोसें – हर बार नया स्वाद मिलेगा।
- आप चाहें तो इसमें प्याज और टमाटर भी हल्का सा भून सकते हैं, लेकिन पारंपरिक रेसिपी में इनका इस्तेमाल नहीं होता।
परोसने का तरीका
आलू के गुटके को आमतौर पर दोपहर के भोजन या रात के खाने में परोसा जाता है। पहाड़ों में इसे खासतौर पर भात और भांग की चटनी के साथ खाया जाता है। आप चाहें तो इसे चाय के साथ स्नैक के रूप में भी परोस सकते हैं। इसका चटपटा स्वाद बारिश के मौसम में या सर्दी की शाम में बेहद लाजवाब लगता है।
क्यों है इतना खास?
आलू के गुटके केवल एक रेसिपी नहीं, बल्कि पहाड़ों की संस्कृति और स्वाद का प्रतीक हैं। इसमें इस्तेमाल होने वाले देसी मसाले और सरसों का तेल इसे बाकी आलू की डिश से अलग बनाते हैं। सबसे खास बात यह है कि इसे बनाना बेहद आसान है और इसमें किसी खास सामग्री की जरूरत नहीं होती — फिर भी स्वाद ऐसा कि कोई भी कह उठे, “एक बार और!”









