आज की भाग-दौड़ भरी जिंदगी में लोगों में गुस्सा, तनाव, जल्दबाजी इत्यादि बहुत ज्यादा बढ़ गया है। छोटी-छोटी बैटन पर भी गुस्सा बहुत ज्यादा करते हैं और यह तो हम सब ही जानते हैं कि गुस्सा मनुष्य का सबसे बड़ा दुश्मन होता है। गुस्से में लिए कोई भी कदम गलत ही होता है।
क्रोध व्यक्ति को हिंसक बनाता है। लगातार क्रोध करना शारीरिक एवं मानसिक रोगों को जन्म देता है। अक्सर लोगों को कहते सुना होगा कि क्रोध इंसान की बुद्धि भ्रष्ट कर देता है। देखा जाता है कि जो लोग ज्यादा क्रोध करते हैं, उनकी बुद्धिमत्ता उतनी ही कम होती है। अज्ञात डर और भय, व्यक्ति के चेतन एवं अवचेतन मस्तिष्क में क्रोध का कारण बनते हैं।
कुछ व्यक्ति आक्रामक एवं उत्तेजित स्वभाव के होते हैं, जो छोटे कारणों या आसानी से उकसाने पर ही क्रोधित हो जाते हैं।
क्रोध व्यक्ति के शरीर में एड्रेनलिन, सेरोटोनिन, डोपामाइन एवं तनाव को बढ़ाने वाले हार्मोन्स को बढ़ा देता है। एड्रेनलिन हार्मोन ब्लड प्रेशर और हृदय गति को बढ़ाता है, जो हाइपरटेंशन और हृदय रोग का कारण बन सकता है। मस्तिष्क में सिरोटोनिन और डोपामाइन हार्मोन के स्तर का बढ़ना या घटना मानसिक रोगों का कारण भी हो सकता है।
इन रोगों का शिकार न हों, इसके लिए कुछ जरूरी बातों का ध्यान रखना जरूरी है। क्रोध से बचने के लिए जरूरी है कि हम सकारात्मक सोचें। सकारात्मक सोच व्यक्ति को ऊर्जावान, उत्साहित और दमदार बनाती है। जब व्यक्ति उत्साहित, खुश एवं ऊर्जावान रहता है, तो वह क्रोध से दूर रहता है।
भोजन व्यक्ति के स्वभाव को बदलने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। देखा गया है कि शाकाहारी भोजन लेने वाले लोग, मांसाहारी भोजन लेने वाले लोगों के मुकाबले शांत स्वभाव के होते हैं और उन्हें गुस्सा भी कम आता है। वहीं, मांस खाने वाले लोग ज्यादा हिंसक, आक्रामक, उत्तेजित एवं क्रोध से भरे होते हैं।
क्रोध पर काबू कैसे पाएं?
अगर आप क्रोध पर काबू पाना चाहते हैं, तो व्यायाम को अपनी दिनचर्या में शामिल करें। व्यायाम करने से मस्तिष्क में खुशी का अहसास बढ़ाने वाले हार्मोन्स बढ़ते हैं और गुस्से को निंयत्रित करने में मदद मिलती है।
अगर आपको ज्यादा गुस्सा आता है, तो रोजाना पैदल चलने के व्यायाम को दिनचर्या में शामिल करें। सुबह उठकर पांच से छह किलोमीटर पैदल चलना अच्छा व्यायाम है। जॉगिंग, वॉकिंग, साइकिलिंग आदि हल्के-फुल्के व्यायाम आपके ब्लड प्रेशर को भी नियंत्रन में रखने में मदद करता हैं। हाई ब्लड प्रेशर भी क्रोध का एक बड़ा कारण है।
भरपूर नींद न मिलने के कारण क्रोध, चिड़चिड़ापन और गलत फैसले लेने की क्षमता बढ़ती है। क्रोध को नियंत्रित करना चाहते हैं, तो नकारात्मक विचारों को अपने ऊपर हावी न होने दें। नकारात्मकता व अनुचित सोच आपको क्रोधी, स्वार्थी बनाने के साथ-साथ अकेलेपन की भावना को भी बढ़ाती है। क्रोध, मानवता का विरोधी है। जो व्यक्ति मानवता से भरा होता है, वह कभी किसी से नाराज हो ही नहीं सकता है क्षमा, क्रोध को मारने का कार्य करती है। ऐसा कहा जाता है कि क्षमा ही सर्वोत्तम बदला है। अतः क्षमा करने वाले को क्रोध नहीं आता है।
तंबाकू एवं किसी भी प्रकार के नशे से बचना चाहिए, क्योंकि ये सभी क्रोध के कारण हैं।